online fraud prevention tips देश में ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। हर दिन साइबर अपराधी नए नए तरीकों से लोगों को ठगने की कोशिश कर रहे हैं। डिजिटल लेन-देन से लेकर फर्जी ट्रेडिंग योजनाओं तक, आम लोग लगातार इन जालसाजों के शिकार हो रहे हैं। गूगल, जो दुनियाभर में करोड़ों लोग इस्तेमाल करते हैं, ने हाल ही में उपयोगकर्ताओं को साइबर अपराधियों से बचाने के लिए कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं। अगर आप भी अपने बैंक खाते और निजी डेटा को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो इन सावधानियों को जरूर अपनाएं।
क्रिप्टो निवेश के नाम पर धोखाधड़ी
अगर आपको कोई ईमेल या मैसेज अचानक किसी क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट स्कीम में ज्यादा मुनाफे का वादा करता है, तो यह एक बड़ा स्कैम हो सकता है। कोई भी असली योजना कम समय में पैसा डबल करने की गारंटी नहीं देती। इसलिए, किसी भी “बहुत फायदेमंद” लगने वाली योजना में बिना जांच-पड़ताल किए निवेश न करें।
नकली एप्स और वेबसाइटों से बचें
साइबर अपराधी लोकप्रिय एप्स और वेबसाइटों की कॉपी बनाकर यूजर्स की निजी जानकारी चुराने की कोशिश करते हैं। ये नकली साइट्स और एप्स बिल्कुल असली जैसे लगते हैं और कई बार नए आकर्षक फीचर्स भी जोड़ देते हैं। इससे बचने के लिए किसी भी एप को हमेशा सिर्फ गूगल प्ले-स्टोर या ऐपल ऐप स्टोर से ही डाउनलोड करें।
फर्जी वेबसाइटों के झांसे में न आएं
कुछ स्कैमर्स वेबसाइटों को ऐसा बना देते हैं कि वे असली लगें, लेकिन जब आप इन पर लॉगिन करते हैं, तो आपका डेटा चोरी हो जाता है। इसे “लैंडिंग पेज क्लोकिंग” कहा जाता है। यह एक एडवांस धोखाधड़ी तकनीक है, जिसमें यूजर को और गूगल को अलग-अलग कंटेंट दिखाया जाता है। हमेशा ध्यान दें कि वेबसाइट का यूआरएल सही है या नहीं, और यह देखें कि रीडायरेक्शन के बाद भी वही लिंक बना रहे।
Deepfake वीडियो और ऑडियो से बचें
आजकल इंटरनेट पर Deepfake तकनीक का इस्तेमाल बढ़ता जा रहा है। कई बार आपको ऐसे वीडियो या ऑडियो मिल सकते हैं, जिनमें कोई सेलिब्रिटी किसी ट्रेडिंग एप या स्कीम को प्रमोट करता नजर आता है। लेकिन असल में, ये वीडियो फर्जी होते हैं और एआई टेक्नोलॉजी से बनाए जाते हैं। पहली नजर में यह असली लग सकते हैं, लेकिन ध्यान से देखने पर इनके नकली होने का पता चल सकता है। ऐसे झूठे प्रचार पर भरोसा करके कहीं भी निवेश न करें।
ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए सतर्क रहना बेहद जरूरी है। किसी भी स्कीम में जल्दबाजी में पैसा न लगाएं, नकली एप्स डाउनलोड न करें और फर्जी वेबसाइटों से सावधान रहें। Deepfake वीडियो और संदिग्ध मैसेज से भी सतर्क रहें। अगर आपको कोई चीज संदेहास्पद लगे, तो पहले उसकी पूरी जांच करें और फिर कोई फैसला लें।