बागेश्वर धाम की कथा से लौटते वक्त हुआ ‘बुराड़ी कांड’: पंचकूला में एक ही परिवार के 7 लोगों ने गाड़ी में खाकर जान दी

हरियाणा के पंचकूला में देहरादून से आए एक ही परिवार के सात लोगों ने गाड़ी में जहर खाकर सामूहिक आत्महत्या कर ली। परिवार हाल ही में बागेश्वर धाम की कथा में शामिल हुआ था और कर्ज से परेशान बताया जा रहा है।

Panchkula

Panchkula suicide: हरियाणा के पंचकूला से दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां देहरादून से आए एक ही परिवार के सात लोगों ने सामूहिक आत्महत्या कर ली। घटना सेक्टर 27 की है, जहां सभी शव एक कार के अंदर मिले। बताया जा रहा है कि यह परिवार हाल ही में बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में शामिल हुआ था और वहीं से लौट रहा था। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ है कि परिवार पर भारी कर्ज था और वह लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। इस घटना ने दिल्ली के बहुचर्चित ‘बुराड़ी कांड’ की यादें ताजा कर दी हैं।

सड़क किनारे खड़ी कार में मिले सभी शव

Panchkula घटना सोमवार सुबह पंचकूला के सेक्टर-27 की है, जहां एक सफेद SUV कार के भीतर सात शव मिलने से सनसनी फैल गई। यह कार एक मकान के बाहर खड़ी थी। मृतकों की पहचान देहरादून निवासी प्रवीण मित्तल (42), उनकी पत्नी, दो बेटियां, एक बेटा, पिता देशराज मित्तल और मां के रूप में हुई है। बताया गया कि सभी ने जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या की।

Panchkula पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है। शुरुआती जांच में सामने आया कि परिवार बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में भाग लेने पंचकूला आया था। कथा समाप्त होने के बाद वे देहरादून लौट रहे थे, लेकिन इसी दौरान उन्होंने आत्मघाती कदम उठा लिया।

भारी कर्ज और टूटा हुआ बिजनेस बना कारण

मृतक प्रवीण मित्तल का देहरादून में टूर एंड ट्रैवल्स का कारोबार था। लेकिन हाल ही में उन्हें व्यापार में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था। सूत्रों के मुताबिक, घाटा इतना बड़ा था कि परिवार दो वक्त की रोटी को भी मोहताज हो गया था। मानसिक और आर्थिक तनाव में डूबे इस परिवार ने अंततः मौत को गले लगाने का फैसला किया।

सुसाइड नोट में भी कर्ज और आर्थिक तंगी का जिक्र किया गया है। हालांकि पुलिस का कहना है कि पूरे घटनाक्रम की गहन जांच की जा रही है और यह भी देखा जा रहा है कि क्या किसी और पहलू से भी घटना जुड़ी हो सकती है।

बागेश्वर धाम की कथा से लौटा था परिवार

Panchkula पुलिस के अनुसार, पूरा परिवार हाल ही में पंचकूला में आयोजित बागेश्वर धाम की हनुमंत कथा में भाग लेने आया था। यह कथा धीरेंद्र शास्त्री द्वारा करवाई जा रही थी। कथा समाप्त होने के बाद वे अपनी गाड़ी से वापस देहरादून जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उन्होंने गाड़ी रोककर जान दे दी।

फिलहाल, पंचकूला पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की हर कोण से जांच की जा रही है। मौके पर डीसीपी हिमाद्रि कौशिक और लॉ एंड ऑर्डर डीसीपी अमित दहिया पहुंचे। फोरेंसिक टीम ने गाड़ी और आसपास के इलाके से नमूने इकट्ठा किए हैं।

‘बुराड़ी कांड’ की याद ताजा

यह मामला 2018 में दिल्ली के बुराड़ी में हुई सामूहिक आत्महत्या की तरह है, जहां एक ही परिवार के 11 सदस्यों ने तंत्र-मंत्र के प्रभाव में जान दे दी थी। पंचकूला की यह घटना भी रहस्यमयी है और कई सवाल खड़े करती है—क्या परिवार किसी धार्मिक विश्वास या मानसिक दबाव में था? क्या कथा का प्रभाव इस हद तक गया कि परिवार ने सामूहिक आत्महत्या कर ली?

पुलिस इन सभी पहलुओं की जांच कर रही है। लेकिन एक बात तय है—यह घटना केवल एक आत्महत्या नहीं, बल्कि एक सामाजिक और मानसिक स्वास्थ्य संकट की गवाही भी है।

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