नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र 17 दिनों के बाद आज शुक्रवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया। 17 दिनों के इस सत्र के दौरान 13 बैठकें हुईं। संसद से नौ विधेयक भी पारित हुए। लोकसभा ने 7 विधेयक और राज्यसभा ने 9 विधेयक पास किए। तो वहीं लोकसभा में 9 विधेयक पेश किए गए। संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दोनों सदनों के स्थगित होने के बाद संसद परिसर में एक प्रेस कांफ्रेंस की। उन्होंने बताया कि 7 से 29 दिसंबर तक के इस सत्र में आवश्यक सरकारी कार्य पूरा होने और संसद के दोनों सदनों की कार्य मंत्रणा समितियों (बीएसी) की सिफारिशों के कारण सत्र को पहले समाप्त किया गया।
इसके लिए बीएसी ने क्रिसमस व साल के अंत में होने वाले समारोहों के लिए सांसदों की व्यस्तता को देखते हुए ये फैसला लिया है। मंत्री ने कहा कि सत्र के दौरान लोकसभा में 9 विधेयक पेश किए गए। लोकसभा ने 7 बिल और राज्यसभा ने 9 बिल पास किए। सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयकों की कुल संख्या 9 है। जोशी ने आगे कहा कि दो विधेयक ‘बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक, 2022’ और ‘जन विश्वास (प्रावधानों का संशोधन) विधेयक, 2022’ संसद के दोनों सदनों की संयुक्त समिति को भेजा गया था। लोकसभा की उत्पादकता लगभग 97 प्रतिशत और राज्यसभा की लगभग 103 प्रतिशत रही।
सत्र के दौरान दोनों सदनों द्वारा पारित कुछ प्रमुख विधेयक हैं-
- वन्य जीवन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2022
- ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2022
- नई दिल्ली मध्यस्थता केंद्र (संशोधन) विधेयक, 2022
- संविधान (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति) आदेश (द्वितीय संशोधन) विधेयक, 2022
- समुद्री डकैती रोधी विधेयक, 2022
- संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (दूसरा संशोधन) विधेयक, 2022
- संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (चौथा संशोधन) विधेयक, 2022
लोकसभा में नियम 193 के तहत दो अल्पकालिक चर्चाएं आयोजित की गईं। ‘देश में नशीली दवाओं के दुरुपयोग की समस्या और उस पर सरकार द्वारा उठाए गए कदम’ और ‘भारत में खेलों को बढ़ावा देने की आवश्यकता और सरकार द्वारा उठाए गए कदम’ पर चर्चा हुई। ये दोनों चर्चाएं 15 घंटे से ज्यादा समय तक चली, जिसमें अलग-अलग पार्टियों के 119 सांसदों ने भाग लिया। राज्य सभा में नियम 176 के तहत ‘ग्लोबल वार्मिंग के गंभीर प्रभाव और इससे निपटने के लिए उपचारात्मक कदमों की आवश्यकता’ पर एक अल्पकालिक चर्चा हुई, जिसमें 17 सांसदों ने लगभग 3 घंटे तक चर्चा की।
अलग-अलग पार्टियों के 119 सांसदों ने भाग लिया
इसके अलावा 2022-23 के लिए अनुदान की अनुपूरक मांगों के पहले बैच और 2019-20 के लिए अतिरिक्त अनुदान की मांगों पर चर्चा की गई और पूर्ण रूप से मतदान किया गया और संबंधित विनियोग विधेयकों को लगभग 11 घंटे की बहस के बाद 14 दिसंबर को लोकसभा द्वारा पेश, चर्चा और पारित किया गया। राज्यसभा ने करीब 9 घंटे की बहस के बाद 21 दिसंबर को इन विधेयकों को लौटा दिया।
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