Patna Lathicharge : बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) के टीआरई-3 उम्मीदवारों ने पटना में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास के बाहर सप्लीमेंट्री रिजल्ट की मांग को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। पुलिस ने अभ्यर्थियों को वहां से हटने की चेतावनी दी, लेकिन छात्र सीएम आवास के बाहर से हटने के लिए तैयार नहीं हुए, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज में कई अभ्यर्थी घायल हो गए। हालांकि पुलिस का कहना है कि किसी को गंभीर चोटें नहीं आईं, लेकिन प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि कई छात्रों को गंभीर चोटें आई हैं। बीपीएससी टीआरई-3 के अभ्यर्थी पिछले चार महीनों से खाली शिक्षक पदों के लिए सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं। उनका यह आरोप है कि उनके अंक कट-ऑफ के बराबर थे, फिर भी उन्हें नियुक्ति नहीं मिली, जबकि समान अंक वाले अन्य अभ्यर्थियों को शिक्षक पद मिल गए हैं।
महिला अभ्यर्थी का फूटा गुस्सा
सीवान से आई एक महिला अभ्यर्थी, दीपा सिंह ने गुस्से में कहा, “नीतीश सरकार के शासन में हमें लाठी ही मिली है। हम कह रहे हैं, या तो रिजल्ट दे दो या फिर यहीं फांसी दे दो। हम चार महीने से प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन किसी ने हमारी नहीं सुनी। हम खाली सीटों के लिए पूरक परिणाम चाहते हैं। हमने न्याय के लिए सीएम आवास का दरवाजा खटखटाया, विरोध करने के लिए नहीं। हम बिहार के शैक्षिक भविष्य को संवारना चाहते हैं, लेकिन हमें नजरअंदाज किया जा रहा है।”
अभ्यर्थियों ने बीपीएससी पर लगाया आरोप
अभ्यर्थियों का आरोप है कि बीपीएससी ने पारदर्शिता का पालन नहीं किया और मल्टीपल सीटों के लिए सप्लीमेंट्री रिजल्ट जारी नहीं किया। उनकी मांग है कि बाकी बची हुई 87,774 शिक्षक पदों के लिए तुरंत पूरक परिणाम घोषित किया जाए। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे सामूहिक रूप से जल समाधि जैसे कठोर कदम उठाने को मजबूर होंगे। इस घटना ने बिहार में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। राजद ने कहा कि छात्रों की जायज मांगों को दबाने के लिए लाठीचार्ज करना शर्मनाक है।
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सरकार युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है और इस मुद्दे पर त्वरित व पारदर्शी कार्रवाई होनी चाहिए। यह पहला मौका नहीं है जब बीपीएससी अभ्यर्थियों ने सप्लीमेंट्री रिजल्ट की मांग को लेकर प्रदर्शन किया हो। इससे पहले 24 मार्च को अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री सुनील कुमार के आवास के बाहर हंगामा किया था। उस दिन मंत्री जब अपने आवास पहुंचे, तो अभ्यर्थियों ने उन्हें घेर लिया और सप्लीमेंट्री रिजल्ट की मांग पर अड़ गए। स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई थी कि पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा और मंत्री को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए गाड़ी तक पहुंचने में मुश्किलें आईं।