Information News-लखनऊ, एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फॉर एग्रीकल्चर) योजना के तहत उत्तर प्रदेश में किसानों का डेटाबेस तैयार करने का विशेष अभियान शुरू किया गया है। यह अभियान 18 नवंबर से 31 दिसंबर तक दो चरणों में चलेगा। किसानों को कहा जा रहा है कि वे फार्मर रजिस्ट्री को जल्द से जल्द पूरा कराएं।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 19वीं किस्त का लाभ अब उन्हीं किसानों को मिलेगा, जिनकी फार्मर रजिस्ट्री पूरी होगी। इससे पहले, 18वीं किस्त के तहत 2.25 करोड़ किसानों के खाते में 4,985.49 करोड़ रुपये की राशि भेजी गई थी। वहीं, 17वीं किस्त में 2.14 करोड़ किसानों को लाभ हुआ था। प्रदेश के 2.76 करोड़ किसानों ने इस योजना का लाभ कम से कम एक बार जरूर लिया है।
फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य
केंद्र सरकार की इस योजना के तहत हर किस्त में किसानों के खाते में 2,000 रुपये भेजे जाते हैं। अब 19वीं किस्त के लिए फार्मर रजिस्ट्री को अनिवार्य कर दिया गया है। किसानों को इस प्रक्रिया में मदद के लिए दो विकल्प दिए गए हैं:
किसान स्वयं वेब पोर्टल (upfr.agristack.gov.in) या मोबाइल ऐप (Farmer Registry UP) का उपयोग कर रजिस्ट्री कर सकते हैं।
ग्राम पंचायत स्तर पर आयोजित कैंपों में रजिस्ट्रेशन की सुविधा दी जाएगी।
किसानों से ज्यादा रुपये लेने का मामला
बाराबंकी के किसान कल्याण केंद्र पर किसानों से बीज के लिए 100-100 रुपये अधिक वसूलने का मामला सामने आया। जांच में यह सच पाया गया। जिला कृषि अधिकारी राजित राम ने बताया कि किसानों के बयान में यह बात सामने आई कि अधिक पैसे बायोमीट्रिक प्रक्रिया पूरी न होने की वजह से लिए गए थे। किसानों को भरोसा दिलाया गया था कि रुपये बायोमीट्रिक सत्यापन हो जाने के बाद लौटा दिए जाएंगे।
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जिन 11 किसानों से ज्यादा रुपये लिए गए थे, उनके नाम और जानकारी रजिस्टर में दर्ज पाए गए। सभी किसानों को उनके पैसे वापस कर दिए गए है। हालांकि, जिला कृषि अधिकारी ने माना कि ऐसा करना नियम के विरुद्ध है। जांच रिपोर्ट डीएम को भेज दी जाएगी।
खाद की दुकानों पर कार्रवाई
त्रिवेदीगंज क्षेत्र की एक खाद की दुकान पर निरीक्षण के दौरान दुकान मालिक कृषि अधिकारियों को देख दुकान बंद कर भाग गया। जिला कृषि अधिकारी ने दुकान को सील करवा दिया है।और संचालक को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
किसानों में जागरूक लाने का प्रयास
जिला कृषि अधिकारी और उप कृषि निदेशक श्रवण कुमार ने किसानों को पराली न जलाने के लिए अगाह किया गया। साथ ही सभी किसानों से नियमों का पालन करने की अपील की गई।