Winter Session of Parliament: पीएम मोदी की विपक्ष को दो-टूक सलाह, पराजय की निराशा छोड़ सार्थक बहस पर ध्यान दें

पीएम मोदी ने शीतकालीन सत्र से पहले विपक्ष को सलाह दी कि हार की निराशा छोड़कर ठोस मुद्दों पर चर्चा करें। उन्होंने कहा कि संसद नारेबाजी का नहीं, नीतिगत काम का मंच है और देश लोकतंत्र की ताकत दिखा रहा है।

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PM Modi Direct Message to Opposition: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से खुलकर अपील की है। उन्होंने कहा कि यह सत्र देश की भावी योजनाओं, नीतियों और जनता के हितों पर केंद्रित होना चाहिए। उनका कहना था कि संसद यह बताए कि देश के लिए क्या सोच रखती है, क्या करने जा रही है और किस दिशा में आगे बढ़ना चाहती है। इस दौरान उन्होंने विपक्ष को भी याद दिलाया कि वह अपना दायित्व निभाए और ठोस मुद्दों पर चर्चा करे।

विपक्ष चुनावी हार को करे स्वीकार

प्रधानमंत्री मोदी ने साफ शब्दों में कहा कि कुछ दल चुनावी हार को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं और उसी निराशा में प्रतिक्रिया दे रहे हैं। उन्होंने विपक्ष को सलाह दी कि पराजय से हताश होना ठीक नहीं है, उसी तरह विजय से अहंकार में भी नहीं डूबना चाहिए। उनका कहना था कि संसद में नारेबाजी या दिखावा करने की जगह नीति और नीयत पर ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि ड्रामा करने के लिए और जगहें हैं, लेकिन संसद में नीतिगत काम होना चाहिए।

सदन का इस्तेमाल चुनावी तैयारी के लिये न करें

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि हाल के समय में विपक्ष सदन का इस्तेमाल या तो चुनावी तैयारी के लिए कर रहा है या अपनी हार का गुस्सा निकालने के लिए। उन्होंने कहा कि कई राज्यों में सत्ता में रहते हुए भी इतनी नाराजगी है कि नेता जनता के सामने अपनी बात नहीं रख पाते और सारा गुस्सा संसद में उतार देते हैं। इस पर उन्होंने यह भी कहा कि अगर विपक्ष चाहे, तो वह उन्हें अच्छे ढंग से काम करने के लिए सलाह देने को भी तैयार हैं। पीएम मोदी ने आगे यह भी कहा कि कुछ पार्टियां संसद को अपनी राज्य स्तरीय राजनीति का मैदान बना रही हैं, जबकि यह तरीका जनता को पसंद नहीं आ रहा है। उनके अनुसार विपक्ष को अपनी रणनीति और व्यवहार में बदलाव लाना चाहिए और सांसदों को अपनी बात कहने का मौका देना चाहिए।

शीतकालीन सत्र सिर्फ औपचारिकता नहीं

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि यह शीतकालीन सत्र सिर्फ औपचारिकता नहीं है। यह सत्र देश को तेज गति से विकास की ओर ले जाने वाले प्रयासों में नई ऊर्जा भरेगा। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था जिस तेजी से आगे बढ़ रही है, वह दुनिया के लिए उदाहरण बन गई है। भारत ने यह साबित कर दिया है कि लोकतंत्र न केवल टिकाऊ है, बल्कि परिणाम भी दे सकता है।

महिलाओं की बढ़ती भागीदारी लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत

उन्होंने हाल के चुनावों, खासकर बिहार में रिकॉर्ड वोटिंग का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं की बढ़ती भागीदारी लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है और यह देश में नई उम्मीद पैदा करती है। अंत में उन्होंने विपक्ष से फिर कहा कि वह पराजय की निराशा छोड़कर सार्थक बहस में हिस्सा ले।

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