PM Modi Speech: ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद PM Modi के राष्ट्र के नाम संबोधन ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचा है। अपने भाषण में PM Modi ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को ठुकराते हुए कहा कि अब भारत आतंकवाद और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर पर ही बात करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को केवल रोका गया है, बंद नहीं किया गया। अमेरिका, जापान, ब्रिटेन से लेकर पाकिस्तान तक की मीडिया ने पीएम मोदी के तेवर, भारत की सैन्य शक्ति और आगे की रणनीति पर खास टिप्पणी की है। यह संबोधन सिर्फ देश के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया को एक स्पष्ट संदेश था कि भारत अब अपनी शर्तों पर जवाब देगा।
पीएम मोदी के भाषण पर वाशिंगटन पोस्ट की प्रतिक्रिया
अमेरिका के प्रमुख अखबार वाशिंगटन पोस्ट ने पीएम मोदी के संबोधन को प्रमुखता दी। अखबार ने लिखा कि भारत ने सैन्य कार्रवाई को “केवल रोका” है और भविष्य में किसी भी आतंकी हमले पर “अपनी शर्तों पर जवाब” देने की बात कही है। अखबार ने यह भी उल्लेख किया कि पीएम मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता की पेशकश को अस्वीकार किया और यह संकेत दिया कि पाकिस्तान के साथ अब कोई बातचीत तभी होगी जब मुद्दा आतंकवाद और POK हो।
जापान टाइम्स की टिप्पणी: ट्रंप को नहीं मिला कोई क्रेडिट
जापान टाइम्स ने अपने लेख में लिखा कि PM Modi ने अपने संबोधन में अमेरिका या राष्ट्रपति ट्रंप का नाम तक नहीं लिया। बल्कि उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि पाकिस्तान को तब झुकना पड़ा जब भारत ने उसके “सीने पर प्रहार” किया। अखबार ने यह भी रेखांकित किया कि भारत अब किसी भी “परमाणु ब्लैकमेल” को सहन नहीं करेगा और पूरी दुनिया ने देखा कि कैसे भारत की एयर डिफेंस प्रणाली ने पाकिस्तानी मिसाइलों को हवा में ही खत्म कर दिया।
ब्रिटेन और पाकिस्तान की प्रतिक्रिया
द गार्जियन ने PM Modi के उस बयान को उजागर किया जिसमें उन्होंने कहा कि भारत की सैन्य कार्रवाई “रुकी” है, लेकिन खत्म नहीं हुई। अखबार के मुताबिक पाकिस्तान ने संयुक्त अरब अमीरात को संभावित वार्ता स्थल के रूप में पेश किया है, हालांकि भारत की ओर से कोई पुष्टि नहीं हुई है। उधर, पाकिस्तान की मीडिया समा टीवी ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी की टिप्पणी से क्षेत्रीय तनाव और बढ़ा है और उन्होंने “परमाणु युद्ध की धमकी” दी है।