नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। गुजरात का वडोदरा शहर, जो अनेक धरोहरों के लिए जाना जाता है। इसी जिले में ताज मोहम्मद कुरैशी के घर पर 1974 को दो जुड़वा बेटियों का जन्म होता है। बेटियों की मुस्कराहट से पूरा कुरैशी परिवार खुशी से झूम उठता है। ताज की पत्नी का सपना था उनकी दोनों बेटियां सेना में जाएं और भारत का मान बढ़ाएं। आखिरकार ताज कुरैशी की पत्नी का सपना साकार हुआ। उनकी सोफिया बिटिया सेना में बड़ी अफसर बन गई। फिर क्या था पूरे मोहल्ला खुशी से झूम उठा। जब भारत ने ऑपरेशन सिंदूर लॉन्य किया तो गुजरात की मर्दानी बिटिया सोफिया पहली बार कैमरे के सामने आई और पाकिस्तान की पिटाई की बात देश के लोगों को बताई।
कर्नल सोफिया के परिवार से मिले पीएम मोदी
दरअसल, इस कहानी की शुरूआत 22 अप्रैल को हुई, जब पाकिस्तानी आतंकियों ने 26 सैलानियों का नरंसहार किया। भारत ने पलटवार करते हुए पाकिस्तानी टेरर कैंपों को मिट्टी में मिजा दिया। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारतीय सेना की कर्नल सोफिया कुरैशी पूरे देश में चर्चा में हैं। ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुई प्रेस कांफ्रेंस में कर्नल कुरैशी ने शांत और स्पष्ट तरीके से बातें रखीं थीं। सोशल मीडिया पर कर्नल सोफिया की जिंदगी के बारे में लोग सर्च करने लगे। इनसब के बीच पीएम नरेंद्र मोदी सोमवार को वडोदरा पहुंचे और कर्नल सोफिया के परिवार से मिले। पीएम नरेंद्र मोदी सबसे पहले कर्नल सोफिया की जुड़वा बहन शायना कुरैशी से मिले। फिर शायना के बड़े भाई से हाथ मिलाया।
कुछ इस तरह से बोली शायना कुरैशी
पीएम नरेंद्र मोदी से कर्नल सोफिया की जुड़वां बहन शायना कुरैशी मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब हुई। शायना ने कहा, उन्होंने हमसे नमस्कार किया, लेकिन यहां बहुत शोर था। उनसे बात नहीं हो सकी। मोदीजी बहुत ईमानदार पीएम हैं। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर किया। वह बहुत सक्सेजफुल रहा। ऑपरेशन मे कोई कैजुअल्टी नहीं हुई। महिलाओं को उन्होंने ऐसे लेवल पर पहुंचा दिया है, जो पहले कभी नहीं हुआ। वे हमेशा महिलाओं को आगे बढ़ाते हैं। कर्नल सोफिया के पिता ताज मोहम्मद कुरैशी ने कहा, ‘मोदीजी ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली बार आए हैं। उनसे मिलकर हमें बहुत खुशी हुई। पीएम मोदी ने जो किया, बहुत अच्छा किया। ये बहुत पहले हो जाना चाहिए था। जिस तरह से भारत की सेनाओं ने पाकिस्तान की पिटाई की है, उससे पूरे देश का सीना चौड़ा हो गया है।
बोले सोफिया के भाई संजय कुरैशी
कर्नल सोफिया कुरैशी के भाई संजय कुरैशी ने कहा, हमारी डिफेंस फोर्स और हमारी केंद्र सरकार का ऑपरेशन सिंदूर गर्व करने का पल है। देश के लिए जो किया है, उसकी तारीफ करना मुश्किल है। रोड शो में प्रधानमंत्री मोदी से मिलना जिंदगी में एक अचीवमेंट जैसा लगा। यह मेरे लिए गर्व का पल था। हमने उनका फूलों से स्वागत किया। उन्होंने कुछ कहा या पूछा था, लेकिन शोर के चलते सुनाई नहीं दिया। मुझे ऐसा लगा, जैसे उन्होंने कहा था, केम छो। कर्नल सोफिया की बहन शायना कुरैशी ने अपने परिवार के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हमारी परदादी झांसी की लक्ष्मीबाई की सेना में सिपाही थीं। परदादी ने लक्ष्मीबाई के साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध लड़े। खुद लक्ष्मीबाई हमारी दादी को सेना में बड़े ओहदे पर बैठाया। कर्नल सोफिया की बहन ने बताया कि उनके दादा भी क्रांतिकारी थे और जंग-ए-आजादी में अंग्रेजों के खिलाफ लड़े थे।
कर्नल सोफिया ने दी थी परिवार की जानकारी
कर्नल सोफिया कुरेशी के बारे में 2017 में एक इंटरव्यू सामने आया था। इसमें उन्होंने अपने परिवार के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि उनकी परदादी 1857 के विद्रोह में रानी लक्ष्मीबाई के साथ लड़ी थीं। उन्होंने कहा था कि वह एक फौजी की बेटी हैं, इसलिए वह सेना के माहौल में पली-बढ़ी हैं। उन्होंने आगे कहा था कि मेरी परदादी रानी लक्ष्मीबाई के साथ थीं। वह एक योद्धा थीं। उनके दादाजी भी सेना में थे। वे कहते थे कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह सतर्क रहे और अपने देश के लिए खड़ा रहे। शायना ने बताया कि मां चाहती थीं कि हम दोनों बहनें सेना में जाएं। कर्नल कुरेशी ने भारतीय सेना में जाकर अपनी मां की इच्छा पूरी की। जबकि वह मॉडल और प्रोड्यूसर हैं। शाइना ने एक अखबार को बातचीत में बताया कि हम फौजी बच्चे हैं। उस समय महिलाएं सेना में भर्ती नहीं हो सकती थीं, लेकिन हम दोनों सेना में जाना चाहते थे। सोफिया ने इसका तरीका ढूंढ निकाला और आज वह देशसेवा कर रही है।
गुजरात के योद्धा परिवार में सोफिया का हुआ जन्म
शाइना ने बताया कि उनके पिताजी 1971 के बांग्लादेश युद्ध में लड़े थे। उनके पिताजी भी सेना में थे। उनके चाचा बीएसएफ में थे। बता दें, इंडियन आर्मी की कर्नल सोफिया कुरैशी मूल रूप से गुजरात की रहने वाली हैं। उनका जन्म वडोदरा में हुआ। उन्होंने जैव रसायन विज्ञान में ग्रेजुएशन किया है। सोफिया के दादा और उनके पिता भी सेना में थे। सोफिया की शादी मैकेनाइज्ड इन्फैंट्री के एक सेना अधिकारी मेजर ताजुद्दीन कुरैशी से हुई है और उनका एक बेटा समीर कुरैशी है। कर्नल सोफिया कुरैशी ने यूनिवर्सिटी ऑफ बरोडा से 1992-1995 और मास्टर ऑफ साइंस और इसके बाद (1995-1997 में) साइंस फैकल्टी से बायोकेमिस्ट्री में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
एकमात्र महिला सैन्य अधिकारी
सोफिया कुरैशी 1999 में महज 17 साल की उम्र में शॉर्ट सर्विस कमीशन के तहत भारतीय सेना में शामिल हुईं थीं। उन्होंने 1999 में चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी से ट्रेनिंग ली थी। इसके बाद उन्हें सेना में लेफ्टिनेंट के तौर पर कमीशन मिला था। 2006 में सोफिया ने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में काम किया था। वह 2010 से शांति अभियानों में शामिल रही हैं। कर्नल सोफिया ने पुणे में आयोजित 18 देशों के संयुक्त सैन्य अभ्यास ’फोर्स 18’ में भारतीय सेना की 40 सदस्यीय टुकड़ी का नेतृत्व किया। इतना ही नहीं, वह इस बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में देश का प्रतिनिधित्व करने वाली एकमात्र महिला सैन्य अधिकारी थीं।