Digital Arrest Scam: बरेली के डॉक्टर नजबुल हसन की कहानी इस बात का बेहतरीन उदाहरण है, कि कैसे साइबर ठग नए नए तरीके से लोगों को परेशान करते हैं, लेकिन सही समय पर ध्यान देने से और पुलिस की मदद से कितनी बड़ी परेशानी से बचा जा सकता है।कैसे इन जाल साज़ों से बचा अपनी बड़ी रकम बचाई जा सकती है।
कैसे शुरू हुई ठगी की साजिश
ठगों ने डॉक्टर को फोन करके बताया कि उनका आधार कार्ड हवाला कारोबार और घोटाले में इस्तेमाल हो रहा है।
उन्होंने सीबीआई और आरबीआई का डर दिखाकर डॉक्टर से कहा कि अगर वह उनकी बात नहीं मानेंगे, तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा। इसके बाद ठगों ने डॉक्टर से कहा कि वह तीन दिन के लिए होटल में रुकें और फोन न काटें।
डॉक्टर ने कैसे अपने परिवार को जानकारी दी?
डॉक्टर डर के कारण किसी को भी कुछ नहीं बता पाए। उन्होंने मैं फंस गया हूं लिखकर अपने परिवार को इशारा किया कि कुछ गलत हो रहा है।इसके बाद वह बैंक के सारे दस्तावेज लेकर होटल निकल पड़े।
पुलिस ने कैसे बचाया डॉक्टर को
जब परिवार ने एसपी सिटी से संपर्क किया, तो उन्होंने बारादरी इंस्पेक्टर को तुरंत कार्रवाई करने को कहा।पुलिस ने डॉक्टर के फोन की लोकेशन ट्रैक की और देखा कि वह होटल कंट्री इन में हैं। होटल में पुलिस ने दरवाजा खुलवाने के लिए कई तरीके अपनाए, यहां तक कि उन्होंने आग लगने की झूठी खबर फैलाई ताकि डॉक्टर दरवाजा खोलें।
ठगों का तरीका कैसे खुला?
जब पुलिस ने डॉक्टर का फोन लिया, तो पता चला कि ठग उन्हें ओटीपी और बैंक जानकारी मांग रहे थे।डॉक्टर ने तीन बैंक खातों की जानकारी ठगों को पहले ही दे दी थी, जिनमें लगभग 50 लाख रुपये जमा थे।पुलिस की मदद से ठगों से समय रहते बचा गया और डॉक्टर का पैसा बच गया।
क्या सीख मिली?
फोन कॉल पर न घबराएं: अगर कोई सरकारी एजेंसी का नाम लेकर धमकाए, तो पहले उसकी सच्चाई जांच लें।
अपनी जानकारी किसी से न शेयर करें: बैंक डिटेल्स, ओटीपी, आधार नंबर किसी से न दें।
परिवार को बताएं: अगर आपको किसी चीज़ में शक हो तो तुरंत परिवार को सूचित करें।
पुलिस से मदद लें: कोई भी शक हो तो तुरंत पुलिस को बताएं।