Patiala suicide case: पंजाब के Patiala जिले के पूनिवाल गांव में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को सदमे में डाल दिया है। आपसी अविश्वास और गलतफहमी ने एक परिवार को पूरी तरह उजाड़ दिया। 42 वर्षीय गुरमीत सिंह और उनकी पत्नी मनप्रीत कौर ने अलग-अलग समय में आत्महत्या कर ली, जिससे उनके तीन मासूम बच्चे अनाथ हो गए। पति को पत्नी पर बेवफाई का शक था, जिसने इस त्रासदी की नींव रखी। छोटी-छोटी तकरारें, गलतफहमियां और संवाद की कमी ने इस खूबसूरत परिवार को बर्बादी की ओर धकेल दिया। अब गांव में बस एक ही सवाल गूंज रहा है—क्या यह परिवार बच सकता था, अगर सिर्फ भरोसा होता?
गलतफहमी की जड़ में था अविश्वास
गुरमीत सिंह और मनप्रीत कौर के रिश्ते में पिछले कुछ समय से तनाव चल रहा था। गुरमीत को पत्नी की वफादारी पर लगातार शक रहता था, जिस वजह से दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते थे। 29 जून 2025 को एक तीखी बहस के बाद मनप्रीत अपने तीन बच्चों को लेकर मायके, आनंदपुर साहिब के पास भानुपोली गांव चली गई। गुरमीत ने यह मान लिया कि उसकी पत्नी किसी और के साथ भाग गई है। इस गलतफहमी ने उसकी मानसिक स्थिति को पूरी तरह तोड़ दिया।
पत्नी की मौत की सच्चाई और पति की आत्महत्या
घर छोड़ने के बाद, मनप्रीत मानसिक तनाव से जूझती रही। इसी दौरान उसने भाखड़ा नहर में छलांग लगाकर अपनी जीवनलीला समाप्त कर ली। उसका शव गुरुद्वारा ज्योति स्वरूप के पास से मिला। इधर, गुरमीत को इस सच्चाई की भनक तक नहीं थी। वह यही समझता रहा कि पत्नी किसी और के साथ चली गई है। चार दिन बाद, 3 जुलाई 2025 को, गुरमीत ने अपने घर में पंखे से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मरने से पहले उसने अपने मोबाइल में एक वीडियो संदेश रिकॉर्ड किया, जिसमें उसने पत्नी, सास और साले को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया।
बच्चों पर टूटा दुखों का पहाड़
इस दर्दनाक घटना के समय दंपति के तीनों बच्चे अपनी नानी के घर भानुपोली गांव में ही थे। उन्हें उस समय तक अपनी मां की मौत की भी जानकारी नहीं थी। एक ही हफ्ते में अपने दोनों माता-पिता को खो देने के बाद तीनों बच्चे अब पूरी तरह अनाथ हो गए हैं। गांव और परिवार में मातम पसरा हुआ है। रिश्तेदार और पड़ोसी अभी भी विश्वास नहीं कर पा रहे हैं कि महज़ अविश्वास और संवादहीनता की वजह से यह परिवार उजड़ गया।
Patiala पुलिस जांच और सामाजिक संदेश
Patiala पुलिस ने दोनों आत्महत्याओं की पुष्टि की है और मोबाइल में मिले वीडियो के आधार पर केस की जांच पूरी कर ली है। पुलिस का कहना है कि इस पूरी घटना में किसी तरह की साजिश या बाहरी हस्तक्षेप के कोई सबूत नहीं मिले हैं। यह महज एक दुर्भाग्यपूर्ण गलतफहमी और आपसी अविश्वास का मामला था। यह घटना न सिर्फ समाज के लिए चेतावनी है, बल्कि यह बताती है कि समय रहते अगर संवाद और भरोसे को जगह दी जाए तो शायद ऐसी त्रासदियां टाली जा सकती हैं।
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