पंजाब में नशे के खिलाफ महायुद्ध, 16,000 गिरफ्तार, ₹11,000 करोड़ की वसूली

पंजाब में नशे के खिलाफ इस समय जंग छिड़ी हुई है. राज्य के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, NDPS एक्ट में हम ने 9580 से ज्यादा केस दर्ज किए हैं. साथ ही 16 हजार से ज्यादा लोगों को अरेस्ट किया गया है. इसी के साथ उन्होंने बताया कि सरकार ने नशे से लोगों को मुक्त कराने के लिए सरकारी और प्राइवेट दोनों अस्तपतालों में अतिरिक्त 1000 बेड की इजाजत दी गई है.

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Punjab News : पंजाब को नशे के जाल से बाहर निकालने के लिए राज्य सरकार ने अपने अभियान को और अधिक सशक्त कर दिया है। इसी कड़ी में पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान की अगुवाई में राज्य में नशे के खिलाफ एक निर्णायक लड़ाई छेड़ी गई है। उन्होंने जानकारी दी कि अब तक एनडीपीएस एक्ट के तहत 9580 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं और लगभग 16,348 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। साथ ही इस अभियान के दौरान 11 करोड़ रुपये से अधिक की ड्रग मनी भी बरामद की गई है।

चीमा ने आगे कहा कि पंजाब को नशे से पूरी तरह मुक्त करने का हमारा लक्ष्य बहुत जल्द पूरा होने वाला है। उन्होंने बताया कि नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत बनी विशेष कमेटी की हाल ही में बैठक हुई, जिसमें मरीजों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए अतिरिक्त सुविधाएं मुहैया कराने का फैसला किया गया है। इसके तहत राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में 1000 अतिरिक्त बेड और 200 मनोचिकित्सकों की नियुक्ति की जाएगी, ताकि नशा पीड़ितों का समुचित इलाज किया जा सके।

नशा मुक्ति यात्रा की शुरुआत

राज्य सरकार ने 7 मई से ‘नशा मुक्ति यात्रा’ की शुरुआत की, जो पूरे पंजाब के हर गांव और शहरी वार्ड को शामिल करते हुए व्यापक जागरूकता अभियान चला रही है। इस यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री भगवंत मान ने होशियारपुर के जलालपुर गांव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य को फिर से “रंगला पंजाब” बनाना है। उन्होंने कहा कि पंजाब से नशे का दाग हटाकर उसे खेलों का गढ़, उद्योगों का केंद्र और युवाओं के लिए रोजगार का स्रोत बनाया जाएगा।

पिछली सरकारों पर निशाना

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर विपक्षी दलों पर तीखा हमला भी बोला। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकारों ने अपने निजी स्वार्थों की खातिर पंजाब को गर्त में ढकेल दिया। मान ने तंज कसते हुए कहा कि कुछ लोग खुद को राजा और महाराजा समझते थे, ऐसे लोग आम जनता की तकलीफों को कैसे समझ सकते हैं? उन्होंने यह भी जोड़ा कि पहले कोई मुख्यमंत्री जनता से सीधा संवाद नहीं करता था, लेकिन वे खुद गांव-गांव जाकर लोगों से मिल रहे हैं और उनकी समस्याएं सुनकर उनका हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं।

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जहरीली शराब पर सख्ती

इसके अलावा, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने राज्य में जहरीली शराब की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए मेथनॉल पर कड़ी निगरानी और नियंत्रण के लिए सख्त नियम बनाने की मांग की थी। गौरतलब है कि कुछ समय पहले पंजाब में अवैध शराब पीने से 17 लोगों की मौत हो गई थी और कई लोग अस्पताल में भर्ती हुए थे। इसके बाद सरकार ने इस दिशा में कड़ा रुख अपनाया है। इस पूरे अभियान का उद्देश्य है – पंजाब को एक बार फिर से स्वस्थ, सुरक्षित और समृद्ध राज्य बनाना, जहां युवाओं का भविष्य नशे की गिरफ्त में न होकर विकास और अवसरों की ओर अग्रसर हो।

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