मामले को लेकर नरेश मीना ने आरोप लगाया है कि ईवीएम में उनका चुनाव चिन्ह काफी हल्का कर दिया गया है। इससे उनके मतदाताओं को मतदान करने में दिक्कत आ रही है, तो चलिए जानते हैं क्या है पूरा मामला।
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निर्दलीय के तौर पर उपचुनाव लड़ रहे नरेश मीना
दरअसल, नरेश मीना ने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय के तौर पर उपचुनाव लड़ा है। नरेश का यह हमला राजनीतिक जगत में चर्चा का विषय बन गया है। इस मामले के तूल पकड़ने के बाद अधिकारियों में भी नाराजगी है। मौके पर एडिशनल एसपी बृजेंद्र सिंह भाटी भी मौजूद रहे। इस सीट पर कांग्रेस से कस्तूर चंद मीना और भाजपा से राजेंद्र गुर्जर मैदान में हैं। नरेश मीना इस सीट पर कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे, लेकिन टिकट न मिलने के कारण वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं।
कांग्रेस ने नरेश मीना को किया था निलंबित
कांग्रेस ने नरेश मीना को पार्टी से निलंबित कर दिया था और इसके पीछे की वजह पार्टी के खिलाफ चुनाव लड़ना बताया गया था। पार्टी विरोधी कार्यशैली के कारण प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस संबंध में आदेश जारी किया था। मौके पर मौजूद लोगों का कहना है कि समझाइश के दौरान मीना और मालपुरा एसडीएम अमित चौधरी के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद गुस्साए प्रत्याशी ने एसडीएम को थप्पड़ मार दिया। बताया जाता है कि मीना को युवाओं का काफी समर्थन प्राप्त है, जिसके आधार पर वे निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरे थे।
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