बस कंडक्टर की जुड़वां बेटियों ने रचा इतिहास, 10वीं बोर्ड में दोनों के आए एक जैसे नंबर

नागौर जिले की छापरी खुर्द गांव की जुड़वां बहनें कनिष्का और कार्तिका चौधरी ने 10वीं कक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 97.17% अंक प्राप्त किए हैं। यह केवल उनकी कड़ी मेहनत का फल नहीं है, बल्कि एक अनोखा कीर्तिमान भी बन गया है।

RBSE 10th result 2025

RBSE 10th result 2025 : राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (RBSE) द्वारा 28 मई को घोषित 10वीं कक्षा के परिणामों में नागौर जिले के छापरी खुर्द गांव की जुड़वां बहनों कनिष्का और कार्तिका चौधरी ने एक अनोखा इतिहास रच दिया। दोनों बहनों ने न केवल शानदार 97.17% अंक हासिल किए, बल्कि आश्चर्यजनक रूप से उनकी मार्कशीट में अंक भी बिल्कुल समान हैं। यह अद्भुत संयोग जितना चौंकाने वाला है, उतना ही प्रेरणादायक भी।

जब परिणाम जारी हुआ और लोगों ने इन दोनों की मार्कशीट देखी, तो हर कोई अचंभित रह गया। सोशल मीडिया से लेकर स्कूल और गांव तक, हर जगह इन बहनों के प्रदर्शन की चर्चा हो रही है। उनके स्कूल के प्रबंधक और शिक्षक भी इस संयोग को देखकर दंग रह गए। यह न केवल उनकी मेहनत की गवाही है, बल्कि ऐसा दुर्लभ उदाहरण है जो शायद ही कभी देखने को मिले।

कनिष्का और कार्तिका ने रचा इतिहास 

कनिष्का और कार्तिका, दोनों ही मेड़ता रोड स्थित कल्पना चावला इंटरनेशनल स्कूल की छात्राएं हैं। उनके पिता शिवनारायण चौधरी राजस्थान रोडवेज में कंडक्टर हैं, जबकि मां सुमन चौधरी गृहिणी हैं। साधारण पारिवारिक पृष्ठभूमि से आने वाली इन बहनों ने अपने सपनों की उड़ान के लिए असाधारण समर्पण दिखाया है। दोनों ने बचपन से एक साथ पढ़ाई की, एक-दूसरे की मदद की और कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी।

पिता शिवनारायण चौधरी ने क्या कहा ?

शिवनारायण चौधरी ने कहा कि उन्हें अपनी बेटियों की इस उपलब्धि पर गर्व है। दोनों बहनों का एक-दूसरे के लिए सहयोग और प्रतिस्पर्धा का अनूठा संतुलन ही उनकी सफलता की कुंजी बना। मां सुमन ने बताया कि बेटियों ने पूरे वर्ष दिन-रात मेहनत की। अब कनिष्का इंजीनियर बनने का सपना देख रही है, जबकि कार्तिका डॉक्टर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है। दोनों बहनें आगे की पढ़ाई के लिए सीकर चली गई हैं। उनकी सफलता से पूरे गांव में जश्न का माहौल है। लोग उन्हें प्रेरणा के रूप में देख रहे हैं और उनके स्वागत की तैयारी में जुटे हैं। परीक्षा खत्म होते ही दोनों बहनें अपने लक्ष्य की ओर अग्रसर हो गई थीं, लेकिन कुछ ही दिनों में वे गांव लौटेंगी, तब उनका भव्य स्वागत किया जाएगा।

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गौरतलब है कि इस साल राजस्थान बोर्ड की 10वीं परीक्षा में कुल 10,94,186 विद्यार्थियों ने आवेदन किया था, जिनमें से 10,71,460 ने परीक्षा दी और 93.60% छात्र सफल रहे। लड़कियों ने एक बार फिर बेहतर प्रदर्शन करते हुए 94.08% पास प्रतिशत दर्ज किया, जबकि लड़कों का पास प्रतिशत 93.16% रहा। कनिष्का और कार्तिका की यह प्रेरणादायक कहानी न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश के विद्यार्थियों के लिए एक उदाहरण है कि लगन, सहयोग और मेहनत से किसी भी लक्ष्य को पाया जा सकता है – और कभी-कभी किस्मत भी आपके साथ अनोखे अंदाज़ में खड़ी होती है।

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