Rakshabandhan : रक्षाबंधन के पावन पर्व पर उत्तर प्रदेश के राजभवन में सौहार्द, अपनत्व और समावेशिता की एक अद्भुत मिसाल पेश की गई। इस विशेष अवसर पर नेशनल एसोसिएशन फॉर ब्लाइंड, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और राजेश सिंह दयाल फाउंडेशन के संस्थापक, समाजसेवी और मेडिसिन मैन के नाम से मशहूर राजेश सिंह दयाल ने राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के साथ मिलकर सैकड़ों दृष्टिबाधित बच्चों के साथ त्योहार का उत्सव मनाया।
गर्मजोशी से हुआ बच्चों का स्वागत
कार्यक्रम की शुरुआत राजभवन में नेत्रहीन बच्चों के भव्य स्वागत से हुई। राजेश सिंह दयाल ने व्यक्तिगत रूप से बच्चों को कार्यक्रम स्थल तक पहुँचाया और पूरे आयोजन के दौरान उनकी देखभाल करते रहे। यह आयोजन केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि मानवता और संवेदना का जीवंत चित्र था।
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समारोह का पहला विशेष क्षण तब आया जब राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने स्वयं राजेश सिंह दयाल को राखी बाँधी, जो उनके परस्पर सम्मान और स्नेह का प्रतीक था। इसके जवाब में राजेश सिंह दयाल ने राज्यपाल के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लिया, जिससे माहौल भावनात्मक और गरिमामय हो गया।
बच्चों के चेहरे पर आई मुस्कान
इसके बाद राज्यपाल ने सभी दृष्टिबाधित बच्चों को स्नेहपूर्वक राखी बाँधी और मिठाइयाँ खिलाईं। यह क्षण बच्चों के लिए अत्यंत यादगार बन गया। उनके चेहरे पर जो मुस्कान थी, वह इस बात की गवाही दे रही थी कि यह दिन उनके जीवन में हमेशा के लिए बस गया है।
निस्वार्थ सेवा को मिला सम्मान
कार्यक्रम के समापन पर राज्यपाल ने राजेश सिंह दयाल को अपनी आत्मकथा ‘चुनौतियां मुझे पसंद हैं’ की हस्ताक्षरित प्रति भेंट की। उन्होंने दृष्टिबाधित व दिव्यांग बच्चों के लिए उनके निरंतर प्रयासों, समर्पण और सेवा भाव की खुलकर सराहना की। साथ ही, 1.5 लाख से अधिक लोगों को निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराने पर उन्हें ‘मेडिसिन मैन ऑफ यूपी’ का गौरव प्राप्त होने पर शुभकामनाएं भी दीं।
यह आयोजन केवल रक्षाबंधन मनाने तक सीमित नहीं था, बल्कि यह उस करुणा, सामाजिक एकजुटता और समावेशी सोच का प्रतीक था, जो समाज को सच्चे अर्थों में एक करता है। राजेश सिंह दयाल की पहल ने यह साबित कर दिया कि जब सेवा में संवेदना जुड़ती है, तो हर पर्व और हर क्षण विशेष बन जाता है।