RBI New Rule: करोड़ों खाताधारकों की उलझन खत्म,अब सेविंग अकाउंट पर हर बैंक देगा, कितने लाख पर एक जैसा ब्याज

RBI ने सेविंग अकाउंट पर 1 लाख रुपये तक सभी बैंकों में समान ब्याज दर लागू कर दी है, जिससे ग्राहकों की उलझन कम होगी। अब बैंक चुनना आसान होगा और ब्याज हर तीन महीने में अनिवार्य रूप से जोड़ा जाएगा।

RBI same interest rate savings

RBI saving bank accounts new rule: देशभर में बचत खाता रखने वाले करोड़ों लोगों के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक बेहद महत्वपूर्ण फैसला लिया है। अब तक लोग अक्सर सोच में पड़ जाते थे कि किस बैंक का सेविंग अकाउंट बेहतर है, कौन सा बैंक ज्यादा ब्याज देता है, या किस बैंक में पैसा रखने से रिटर्न ज्यादा मिलेगा। लेकिन RBI ने नया नियम लागू कर दिया है, जिससे यह चिंता काफी हद तक खत्म हो गई है।

नया नियम क्या है?

RBI ने सभी कमर्शियल बैंकों को यह निर्देश दिया है कि सेविंग अकाउंट में 1 लाख रुपये तक की जमा राशि पर एक ही ब्याज दर दी जाए। यानी अब SBI, PNB, HDFC, ICICI, Canara Bank या कोई भी अन्य बैंक—सभी में 1 लाख रुपये तक का ब्याज बिल्कुल समान होगा।
पहले हर बैंक अपनी मर्ज़ी से ब्याज तय करता था, जिससे ग्राहकों में उलझन रहती थी कि खाता कहां खोलें। अब यह तुलना काफी कम हो जाएगी।

ग्राहकों को क्या फायदा होगा?

यह बदलाव खासकर उन लोगों के लिए राहत लेकर आया है जिनकी जमा राशि आम तौर पर 1 लाख रुपये के आसपास रहती है। इसके कई सीधे लाभ होंगे:

अब बैंक बदलने से ब्याज में कोई फर्क नहीं पड़ेगा।

ग्राहक सुविधा, नज़दीकी शाखा, मोबाइल बैंकिंग और बेहतर सेवा देखकर बैंक चुन सकेंगे।

ब्याज दरों में भेदभाव खत्म होने से सिस्टम और अधिक साफ और भरोसेमंद होगा।

छोटे खाताधारकों के लिए यह फैसला एक बड़ी राहत जैसा है।

1 लाख रुपये से ज्यादा रकम पर क्या होगा?

यह नियम सिर्फ 1 लाख रुपये तक के बैलेंस पर लागू है। इससे ऊपर की रकम पर हर बैंक अपनी अलग ब्याज दरें पहले की तरह लागू करता रहेगा। इसलिए बड़ी रकम रखने वाले ग्राहकों को अब भी बैंक की ब्याज दरों की तुलना करनी होगी।

ब्याज कैसे और कब जोड़ा जाएगा?

RBI ने यह भी स्पष्ट किया है कि ब्याज की गणना डेली एंड-ऑफ-डे बैलेंस के आधार पर होगी। यानी जिस दिन आपके खाते में बैलेंस अधिक होगा, उस दिन का ब्याज भी उसी हिसाब से बढ़ जाएगा। इसके अलावा, सभी बैंकों को कम से कम हर तीन महीने में एक बार ब्याज खाते में जमा करना अनिवार्य होगा। इससे ग्राहकों को ब्याज आने के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

RBI ने यह फैसला क्यों लिया?

RBI का उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम को और आसान और पारदर्शी बनाना है। अलग-अलग ब्याज दरों के कारण ग्राहकों में जो भ्रम रहता था, वह अब काफी कम होगा। इससे लोगों के लिए बचत खाते को समझना और बैंक का चुनाव करना पहले से आसान हो जाएगा।

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