West Bengal Teachers Recruitment : पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (WBSSC) ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि वह सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार 2016 की अमान्य घोषित की गई भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए शिक्षण और गैर-शिक्षण अभ्यर्थियों के लिए जल्द ही नई परीक्षा आयोजित करेगा। आयोग के चेयरमैन सिद्धार्थ मजूमदार ने बताया कि शीर्ष अदालत के आदेश का पालन करते हुए आयोग नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
अभ्यार्थियों को लेकर कानूनी सलाह लेगा आयोग
सिद्धार्थ मजूमदार ने यह भी कहा कि परीक्षा में भाग लेने वाले अभ्यर्थियों की पात्रता को लेकर आयोग कानूनी सलाह लेगा, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कौन-कौन नए अभ्यर्थी इस प्रक्रिया में शामिल हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि 2016 में इस परीक्षा के लिए लगभग 26 लाख आवेदन आए थे, जिनमें से करीब 22 लाख उम्मीदवारों ने परीक्षा दी थी। इनमें से करीब 1.41 लाख उम्मीदवार कक्षा 9-10 के शिक्षक पदों के लिए और 1.5 लाख उम्मीदवार कक्षा 11-12 के शिक्षक पदों के लिए परीक्षा में शामिल हुए थे।
शेष अभ्यर्थियों ने गैर-शिक्षण पदों के लिए परीक्षा दी थी। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इतनी बड़ी संख्या में उम्मीदवारों की परीक्षा और चयन प्रक्रिया को केवल तीन महीनों में पूरा कर पाना असंभव है। मजूमदार ने यह भी स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में किसी निर्धारित समयसीमा का जिक्र नहीं है, और यह एक विस्तृत व समय लेने वाली प्रक्रिया है।
क्या है मामला?
साल 2016 में पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग ने राज्य के सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्तियों के लिए एक बड़ी चयन प्रक्रिया शुरू की थी। लेकिन इस प्रक्रिया में भारी अनियमितताओं और फर्जीवाड़े के आरोप लगे, जिसके बाद मामला कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने 22 अप्रैल 2024 को इस भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया और 25,752 नियुक्तियों को अवैध करार दिया।
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इसके बाद पश्चिम बंगाल सरकार ने इस निर्णय के खिलाफ 29 अप्रैल 2024 को सुप्रीम कोर्ट में अपील की। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए भर्ती को रद्द कर दिया और WBSSC को निर्देश दिया कि वह निष्पक्ष तरीके से दोबारा परीक्षा आयोजित करे।