Construction Laws: अगर आप हाईवे के पास घर या कोई भी इमारत बनाना चाहते हैं, तो पहले उससे जुड़े नियमों को जानना बेहद जरूरी है। बिना इजाजत के निर्माण करने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है, यहां तक कि आपकी बनाई गई इमारत गिराई भी जा सकती है। इसलिए निर्माण से पहले सही जानकारी लेना और नियमों का पालन करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा।
हाईवे के पास जमीन क्यों पसंद की जाती है?
हाईवे के आस-पास की जमीन की कीमत आमतौर पर दूसरी जगहों से ज्यादा होती है। इसका कारण है यहां से आने-जाने की सुविधा और व्यापारिक गतिविधियों के अच्छे मौके। लोग इसे अपने घर या व्यापार के लिए पहली पसंद मानते हैं। लेकिन साथ ही इसके लिए कुछ सख्त नियम बनाए गए हैं, जिन्हें मानना जरूरी होता है।
क्यों जरूरी हैं ये नियम?
हाईवे के पास निर्माण करने के नियम मुख्य रूप से आपकी और दूसरों की सुरक्षा, सेहत और पर्यावरण की रक्षा के लिए बनाए गए हैं। हाईवे के पास रहने से तेज़ आवाज़ वाले वाहनों और धुएं की वजह से वायु और ध्वनि प्रदूषण होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। इसके अलावा, सड़क सुरक्षा के चलते भी निर्माण की दूरी तय की गई है।
निर्माण की तय दूरी क्या है?
भारत में 1964 के भूमि नियंत्रण नियम लागू हैं। इनके अनुसार
राष्ट्रीय और राज्य हाईवे की बीच की रेखा से कम से कम 75 फीट (लगभग 23 मीटर) की दूरी पर ही निर्माण किया जा सकता है।
शहरी इलाकों में ये दूरी 60 फीट (करीब 18 मीटर) हो सकती है।
अगर कोई निर्माण 40 मीटर के अंदर किया जाता है, तो वह अवैध माना जाएगा और उसे गिराया जा सकता है।
40 से 75 मीटर की दूरी पर निर्माण के लिए विशेष अनुमति लेनी पड़ती है।
किससे लेनी होती है अनुमति?
हाईवे के पास निर्माण करने के लिए आपको इन विभागों से अनुमति लेनी होगी
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI)
स्थानीय नगर पालिका या ग्राम पंचायत
भूमि उपयोग का प्रमाणपत्र (Land Use Certificate)
निर्माण योजना की स्वीकृति (Building Plan Approval)
इन सभी अनुमतियों के बिना निर्माण शुरू करना कानूनन अपराध है। अगर बिना अनुमति निर्माण किया गया, तो अधिकारी किसी भी समय उसे गिरा सकते हैं।
हाईवे के किनारे निर्माण करने से पहले नियमों की पूरी जानकारी लेना और सभी जरूरी अनुमतियां प्राप्त करना जरूरी है। इससे आप कानूनी झंझटों और आर्थिक नुकसान से बच सकेंगे।