Kamchatka earthquake: रूस में 8.8 का भूचाल, जापान-हवाई में सुनामी का कोहराम….

रूस के कामचटका में 8.8 तीव्रता का भूकंप आने के बाद जापान, हवाई और कैलिफोर्निया समेत कई देशों में सुनामी का खतरा मंडरा रहा है। तटीय इलाकों में अफरा-तफरी मच गई है और अलर्ट जारी कर दिया गया है।

Kamchatka 

Kamchatka earthquake: रूस के सुदूर पूर्वी क्षेत्र कामचटका में बुधवार सुबह 8.8 तीव्रता का भयानक भूकंप आया, जिससे पूरे प्रशांत महासागर क्षेत्र में हलचल मच गई। USGS के अनुसार यह समुद्र के भीतर उथली गहराई में आया, जिससे जापान, अमेरिका, इक्वाडोर, हवाई और चिली समेत कई देशों में सुनामी का खतरा मंडरा रहा है। जापान के 16 तटीय इलाकों में समुद्र की लहरें टकराई हैं जबकि हवाई में अफरा-तफरी मच गई है। फुकुशिमा न्यूक्लियर प्लांट खाली करा लिया गया है। अमेरिका, रूस और जापान की सरकारें अलर्ट पर हैं और लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। इस आपदा को रूस के इतिहास का सबसे शक्तिशाली भूकंप बताया जा रहा है। फिलहाल राहत-बचाव कार्य तेज़ी से जारी है।

रूस के कमचटका में आया अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप

बुधवार सुबह रूस के Kamchatka  प्रायद्वीप में 8.8 तीव्रता का भूकंप आया, जिसकी गहराई सिर्फ 19.3 किलोमीटर थी। यह इलाका प्रशांत महासागर की ‘रिंग ऑफ फायर’ में आता है, जहां भूगर्भीय हलचलें आम हैं। रूस की तास एजेंसी ने जानकारी दी है कि एक किंडरगार्टन स्कूल को नुकसान हुआ है लेकिन सौभाग्य से वहां कोई बच्चा मौजूद नहीं था।

Kamchatka के सेवेरो-कुरील्स्क और सखालिन जैसे तटीय शहरों में बड़े पैमाने पर लोगों को निकाला जा रहा है। क्षेत्रीय गवर्नर ने इसे दशकों में आया सबसे शक्तिशाली भूकंप बताया और लोगों से उच्च क्षेत्रों में जाने की अपील की है।

जापान में 16 जगहों पर सुनामी, फुकुशिमा प्लांट खाली

Kamchatka  भूकंप के कुछ ही मिनटों बाद जापान के इशिनोमाकी पोर्ट पर 50 सेंटीमीटर ऊंची लहरें टकराईं। जापान मौसम विभाग के अनुसार, होक्काइदो, तोहोकु और ओगासावरा द्वीपों में सुनामी का खतरा बना हुआ है।

सावधानी के तौर पर फुकुशिमा न्यूक्लियर पावर प्लांट को खाली करा लिया गया है। साल 2011 की 9.0 तीव्रता की त्रासदी की यादें अभी भी ताज़ा हैं, जब फुकुशिमा संयंत्र में रिएक्टर मेल्टडाउन हुआ था।

लोगों को घरों की छतों और ऊंचे स्थानों पर जाते देखा गया। जापान सरकार ने आपात बैठक बुलाकर राहत व बचाव दलों को सक्रिय कर दिया है।

अमेरिका में हवाई और कैलिफोर्निया पर संकट के बादल

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हवाई और कैलिफोर्निया के तटीय क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। हवाई के बीचों से लोगों को हटाया गया है और भारी ट्रैफिक जाम की स्थिति बन गई है। यहां तीन से 12 फीट तक ऊंची लहरें उठने की आशंका जताई गई है।

होनोलूलू समेत कई तटीय शहरों में दुकानों को बंद कराया गया और टूरिस्ट्स को होटल्स में लौटने को कहा गया है। यूएस सुनामी वॉर्निंग सेंटर ने अलर्ट जारी करते हुए कहा कि अगले तीन घंटों में बड़ी लहरें जापान और अमेरिका के तटों से टकरा सकती हैं।

पैसिफिक क्षेत्र के 25 से ज्यादा देश खतरे में

फिलीपींस, समोआ, मार्शल आइलैंड्स, पनामा, चिली, ताइवान, वानुअतु और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को भी सतर्क रहने को कहा गया है। हालांकि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड ने कहा है कि उनके लिए तत्काल खतरे की आशंका नहीं है, लेकिन चेतावनी जारी है।

इक्वाडोर में तीन मीटर तक ऊंची लहरें उठने की आशंका है, जबकि कई द्वीपों जैसे पलाऊ, फिजी, निकारागुआ, पापुआ न्यू गिनी और गुआम में हल्की सुनामी पहुंचने की संभावना जताई गई है।

इतिहास में बड़े भूकंपों की यादें ताज़ा

रूस के इस भूकंप ने एक बार फिर इतिहास के सबसे बड़े भूकंपों की याद दिला दी है।

राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी, अलर्ट कायम

रूस, जापान और अमेरिका की सरकारों ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं। Kamchatka के अधिकांश तटीय कस्बों को खाली कराया जा रहा है। सखालिन गवर्नर ने पुष्टि की है कि सेवेरो-कुरील्स्क में रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर चल रहा है।

लोगों से अपील की गई है कि अफवाहों से बचें, सरकारी निर्देशों का पालन करें और ऊंचे स्थानों की ओर जाएं। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि आफ्टरशॉक्स की संभावना बनी हुई है।

रूस में आए इस भूकंप ने दुनिया के कई देशों को सतर्क कर दिया है। प्रशांत महासागर के तटीय इलाकों में अगले 24 घंटे बेहद संवेदनशील माने जा रहे हैं। फिलहाल नुकसान की पूरी जानकारी आनी बाकी है, लेकिन पहले से ही लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है। वैश्विक एजेंसियां लगातार हालात पर नजर बनाए हुए हैं।

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