SCO Summit 2024: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 2024 के शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान में आतंकवाद और अलगाववाद के मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाया। इस्लामाबाद में आयोजित SCO परिषद की 23वीं बैठक में जयशंकर ने कहा कि बेहतर रिश्तों के लिए आपसी विश्वास होना आवश्यक है। उन्होंने आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद को आधुनिक चुनौतियों के रूप में पहचानते हुए सभी सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे इन समस्याओं से लड़ने में एकजुट हों। जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि क्षेत्रीय सहयोग आपसी सम्मान और संप्रभुता के आधार पर होना चाहिए। उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) पर भी चिंता व्यक्त की, जो भारत के लिए संवेदनशील मुद्दा है, और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए सामूहिक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।
विदेश मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, यह बैठक संगठन के व्यापार और आर्थिक एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए सालाना आयोजित की जाती है। इस सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए, जयशंकर ने आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद को खतरनाक बताते हुए सभी देशों से आग्रह किया कि वे इन मुद्दों से बचें। उन्होंने कहा, “आतंकवाद, अलगाववाद और कट्टरवाद से लड़ना SCO का प्राथमिक लक्ष्य है, और यह आज के समय में और भी महत्वपूर्ण हो गया है।”
EAM #SJaishankar delivers powerful message at the SCO meet in Islamabad, taking a veiled but clear swipe at #Pakistan
"If activities across borders are marked by terrorism, extremism & separatism, how can we expect trade, energy, or connectivity to thrive?"
This is… pic.twitter.com/6NfAlq44Y7
— Nabila Jamal (@nabilajamal_) October 16, 2024
जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि सहयोग का आधार आपसी सम्मान और संप्रभु समानता होना चाहिए। उन्होंने क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान पर जोर देते हुए कहा, “SCO को एकतरफा एजेंडे के बजाय वास्तविक साझेदारी पर आधारित होना चाहिए।” इसके साथ ही उन्होंने चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की ओर इशारा किया, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरता है, जिसे भारत अपना क्षेत्र मानता है।
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इससे पहले, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बैठक के दौरान एस जयशंकर का स्वागत किया और क्षेत्र के भीतर स्थिरता और विकास के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग के महत्व पर बल दिया। उन्होंने भारत के समर्पण की बात दोहराई, लेकिन जयशंकर ने इस पर जोर दिया कि सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान किया जाना चाहिए।
जयशंकर ने आगे कहा, “इस समय कई बाधाएं हैं जो विकास को प्रभावित कर रही हैं, जैसे जलवायु परिवर्तन, सप्लाई चेन, और वित्तीय अस्थिरता।” उन्होंने चेतावनी दी कि अगर SCO इन चुनौतियों का सामना नहीं करेगा, तो संगठन की प्रगति संभव नहीं होगी।
इस प्रकार, एस जयशंकर ने न केवल आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया, बल्कि क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता को भी उजागर किया, जिससे पाकिस्तान और अन्य सदस्य देशों के बीच एक नई चर्चा की शुरुआत हुई।