Sharda Sinha : उत्तर प्रदेश और बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का निधन बीते मंगलवार की रात हो गया। छठ गीतों के लिए अपनी विशेष पहचान बनाने वाली शारदा सिन्हा ने इसी पर्व की शुरुआत के साथ इस दुनिया को अलविदा कहा, जिससे उनके चाहने वालों में गहरा दुख व्याप्त हो गया है। उन्होंने मंगलवार को दिल्ली के AIIMS में अंतिम सांस ली। यह संयोग या सौभाग्य ही कहा जाएगा कि जिस छठ पर्व के लिए उनके गाए गीतों ने उन्हें लोक गायकी में विशेष स्थान दिलाया, ठीक उसी पर्व के पहले दिन उन्होंने माता की गोद में आखिरी सांस ली। शारदा सिन्हा पिछले कई दिनों से बीमार थीं और अस्पताल में भर्ती थीं। उनके पति के निधन के बाद उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ने की जानकारी मिली थी।
इस समय होगा अंतिम संस्कार
शारदा सिन्हा के अंतिम संस्कार की तैयारियां चाक-चौबंद हो गई हैं। मिली जानकारी के अनुसार, उनका अंतिम संस्कार पटना में किया जाएगा। शव को सुबह 9:40 बजे की इंडिगो उड़ान से पटना भेजा जाएगा। दिल्ली के AIIMS से शव को रात 3:30 बजे IGI एयरपोर्ट के लिए ले जाया गया था। मनोज तिवारी के अनुसार, शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार पटना में राजकीय सम्मान के साथ आयोजित किया जाएगा। कल दोपहर 12 बजे के बाद उनके शव को पटना में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। एक दिन बाद, यानी 7 नवंबर को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा, जिसमें उनके कई प्रशंसक और प्रशंसक शामिल होने की उम्मीद है।
शारदा ने जीवन में हालिस की बेहतरीन सफलता
72 वर्ष की आयु में शारदा सिन्हा का निधन हुआ, जो एक गंभीर हृदय विदारक समाचार है। उन्होंने भोजपुरी संगीत के क्षेत्र में सौ से अधिक गानों को अपनी मधुर आवाज में गाया, जो आज भी लोगों के दिलों में बसी हुई हैं। संगीत में उनके अतुलनीय योगदान के लिए भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया था। विशेष रूप से छठ पूजा के मौके पर उनके गीत हर जगह गूंजते थे, और यह परंपरा आगे भी इस पावन पर्व पर जीवित रहेगी।
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शारदा सिन्हा की अनपेक्षित विदाई ने उनके प्रशंसकों और पहचानने वालों में गहरा दुख पैदा कर दिया। उनके बेटे ने एक दिन पहले ही उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बिगड़ने की जानकारी साझा की थी। यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि शारदा सिन्हा को 25 अक्टूबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, और लंबे समय से वे कैंसर की बीमारी से जूझ रही थीं। उनके बेटे अंशुमन ने बताया कि वह 2017 से मल्टिपल माइलोमा (ब्लड कैंसर) से लड़ाई कर रही थीं। इसके एक महीने से भी कम समय पहले, 22 सितंबर को शारदा सिन्हा के पति, बृजकिशोर सिन्हा का ब्रेन हेमरेज के कारण निधन हो गया था, जिसने उनके जीवन में एक और कठिनाई ला दी थी। प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनकी चिकित्सा स्थिति के बारे में जानकारी ली थी।