आरएसएस चीफ मोहन भागवत से मुलाकात के बाद फाइनल हुआ नाम, जानें कौन होगी बीजेपी का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष

दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत की हाल ही में मुलाकात हुई। अब इस मुलाकात को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। जगदीश धनकड़ से रिजाइन के बाद देश में उपराष्ट्रपति का चुनाव होना है। चुनाव की डुगडुगी भी पिट चुकी है। बीजेपी ने एनडीए के कैंडीडेट के तौर पर सीपी राधाकृष्णन के नाम पर मुहर लगा दी है। राधाकृष्णन फिलहाल महाराष्ट्र के राज्यपाल हैं और उन्हें तामिलनाडु का मोदी कहा जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन के जरिए साउथ में बीजेपी के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। अब बीजेपी का पूरा फोकस अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी और आरएसएस के बीच एक नाम पर लगभग-लगभग सहमति बन चुकी है। आने वाले कुड दिनों के अंदर बीजेपी को अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा।

अपने जन्म के बाद से बीजेपी दक्षिण भारत में कमजोर रही। कर्नाटक को छोड़ दिया जाए तो आंध्रपदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और केरल में बीजेपी कभी सरकार नहीं बना सकी। इसी के चलते पीएम नरेंद्र मोदी ने बड़ा सियासी दांव चला। दक्षिण में एंट्री के लिए उपराष्ट्रपति के तौर पर सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाकर विपक्षी दलों के अंदर खलबली मचा दी। अब पीएम नरेंद्र मोदी की नजर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी और आरएसएस के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर सहमति बन चुकी है। जल्द ही बीजेपी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम का एलान कर सकती है। सूत्र बताते हैं कि बीजेपी का अगला अध्यक्ष उत्तर क्षेत्र से हो सकता है।

दरअसल, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पूर्व से हैं और उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन दक्षिण से। स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पश्चिम से हैं और संसद में उत्तर का प्रतिनिधित्व करते हैं। ऐसे में क़यास लग रहा है कि क्या बीजेपी का अगला अध्यक्ष उत्तर से ही हो सकता है। बीजेपी के मौजूदा अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तर भारत से ही हैं। वैसे बीजेपी के नए अध्यक्ष को लेकर जो नाम चर्चा में हैं, उनमें से कई उत्तर भारत से भी हैं। इनमें शिवराज सिंह चौहान, मनोहर लाल खट्टर, भूपेंद्र यादव और केशव प्रसाद मौर्य का नाम प्रमुखता से लिया जाता रहा है। इसीलिए सीपी राधाकृष्णन की उम्मीदवारी के बाद, अब यह क़यास लग रहा है कि बीजेपी का नया अध्यक्ष उत्तर भारत से भी हो सकता है। कयास तो कई लग रहे हैं, लेकिन बीजेपी ऐसे फैसले करने के लिए जानी जाती है, जिससे लोग चौंक जाते हैं।

BJP के नए अध्यक्ष के लिए क्षेत्र के साथ-साथ जातीय समीकरण को लेकर भी कई कयास लगाए जा रहे हैं। जातीय समीकरणों को लेकर भी चर्चा शुरू हो गई है। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी हैं, जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओबीसी। उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन भी ओबीसी समुदाय से आते हैं। ऐसे में क़यास लग रहा है कि बीजेपी का नया अध्यक्ष सामान्य वर्ग से भी हो सकता है। हालांकि, बीजेपी सूत्र यह कहते आए हैं कि नए अध्यक्ष के चयन में कोई राजनीतिक संदेश नहीं दिया जाएगा, बल्कि कोशिश ऐसे व्यक्ति को कमान सौंपने की होगी, जो विशाल हो चुके संगठन को संभाल सके। इसके बावजूद राजनीतिक दल के नाते बीजेपी चाहेगी कि नए अध्यक्ष के चयन से भी राजनीतिक संदेश निकाला जाए। इसीलिए चर्चा हो रही है कि नया अध्यक्ष किस क्षेत्र जाति का हो सकता है। इनसब के बीच एक तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हुई, जिसके बाद अटकलों का बाजार गर्म हो गया।

दरअसल, केंद्रीय कृषि मंत्री और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत की हाल ही में मुलाकात हुई। अब इस मुलाकात को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। साथ ही इसी के बाद बीजेपी अध्यक्ष पद के उम्मीदवार की रेस में शिवराज सिंह चौहान का नाम तेज हो गया है। शिवराज सिंह चौहान की लगभग 2 साल बाद मोहन भागवत से मुलाकात हुई। इस मुलाकात को चुनाव से जोड़ा जा रहा है। 9 सितंबर को उपराष्ट्रपति पद के चुनाव के तुरंत बाद ही बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव किया जा सकता है। 28 सितंबर से पहले बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को पूरा करने की कोशिश की जा रही है। केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान की रविवार शाम में आरएसएस के सरसंघचालक डॉक्टर मोहन भागवत के साथ बैठक हुई।

सूत्रों के अनुसार, ये बैठक दिल्ली के झंडेवालान स्थित संघ कार्यालय केशवकुंज में हुई। शिवराज सिंह चौहान की संघ प्रमुख के साथ करीब 45 मिनट तक बातचीत हुई। इस बैठक के बाद शिवराज सिंह चौहान सीधे दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए निकल गए। सरसंघचालक मोहन भागवत के साथ बैठक में आने से पहले शिवराज सिंह चौहान गायत्री परिवार के एक कार्यक्रम में प्रगति मैदान के भारत मंडपम में मौजूद थे। भारत मंडपम में चौहान के साथ मंच पर गायत्री परिवार के डॉ चिन्मय पंड्या और केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी मौजूद थे। भारत मंडपम से वो सीधे संघ कार्यालय गए जहां सरसंघचालक डॉ मोहन भागवत के साथ बंद दरवाजे में उनकी बैठक हुई और फिर वो पूर्ण नियोजित कार्यक्रम के लिए भोपाल रवाना हो गए।

बीजेपी में राष्ट्रीय स्तर पर सांगठनिक बदलाव की बयार बह रही है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान की संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ मुलाकात को लेकर कयासों का बाजार गर्म है। बीजेपी पिछले साल भर से अब तक अपना राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं चुन पाई है। राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर चुनाव में हो रही देरी के प्रमुख कारणों में से संघ के साथ बीजेपी नेतृत्व के बीच समन्वय का आभाव भी एक प्रमुख वजह माना जा रहा है। ऐसे में शिवराज सिंह चौहान की संघ प्रमुख के साथ बैठक को बीजेपी संगठन में बदलाव से जोड़ कर भी देखा जा रहा है। बता दें, शिवराज सिंह चौहान बीजेपी के कद्दावर नेता हैं। वह अटल जी की सरकार में मंत्री रहे हैं। मध्य प्रदेश के सीएम भी तीन बार रहे। शिवराज सिंह चौहान को जमीनी नेता के तौर पर जाना जाता है। उन्हें संगठन में काम करने में महारत हासिल है।

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