New India Co-Op Bank Scam: Bank घोटाले तो अक्सर ही सुनाई देता है,पर न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर ने इतना बड़ा का घोटाला कितने शातिर तरीके से किया है।और वो भी अकेले उन्होंने इतने बड़े स्कैम को अंजाम दिया। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के घोटाले हुआ, जिसका मास्टरमाइंड बैंक के पूर्व जनरल मैनेजर हितेश मेहता ही है। बैंक के फिजिकल वेरिफिकेशन के बाद इस घोटाले का खुलासा हुआ, जो 2020 से 2024 तक चल रहा था। आरबीआई अगर ये जांच न करती, तो शायद यह घोटाला दबा ही रहता। मेहता को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
हितेश मेहता का बैंक में सफर
हितेश ने बैंक में अपने करियर की शुरुआत क्लर्क के तौर पर की थी और धीरे-धीरे प्रमोशन लेते हुए जनरल मैनेजर बने। दादर और गोरेगांव ब्रांच की जिम्मेदारी उनके पास थी, जहां वे बैंक का कैश संभालते थे।
कैसे हुआ गबन?
2020 से हितेश ने बैंक के पैसों को तिजोरी में न रखकर इधर-उधर किया और इन्हें अपने रिश्तेदारों और दोस्तों को दे दिया। वह कैश की एंट्री तो रजिस्टर में करता था, लेकिन असल में तिजोरी में पैसे नहीं होते थे। आरबीआई की जांच में प्रभादेवी और गोरेगांव ब्रांच की तिजोरियों में पैसे की कमी पाई गई।मुंबई के प्रभादेवी स्थित बैंक के मुख्य लॉकर में रखे कैश की गिनती के दौरान 122 करोड़ रुपये की कमी पाई गई। इसके बाद आरबीआई ने गोरेगांव ब्रांच की तिजोरी की भी जांच की, जिसमें कैश की कमी मिली। आरबीआई के अधिकारियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित किया और मामले की गंभीरता को समझते हुए बैंक ने मेहता के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई।
मुंबई पुलिस की कार्रवाई
मुंबई पुलिस ने शनिवार को हितेश मेहता को गिरफ्तार कर लिया। आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की और फिर उन्हें गिरफ्तार किया।यह मामला बैंकिंग क्षेत्र में घोटालों की बढ़ती गंभीरता को दर्शाता है, जहां कुछ लोग अपनी पोजीशन का दुरुपयोग कर बैंक की संपत्ति को हड़पने में सफल हो जाते हैं।