SIR Process: देश के नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में इस समय मतदाता गहन पुनरीक्षण यानी SIR (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत बीएलओ घर-घर जाकर लोगों को Enumeration Form यानी गणना प्रपत्र की दो प्रतियां दे रहे हैं और उनसे इसे भरवाकर मतदाता सूची को अपडेट कर रहे हैं। इस प्रक्रिया के बीच कई लोगों के मन में यह डर है कि अगर उनका नाम कहीं गलती से वोटर लिस्ट से हट गया, तो क्या वह दुबारा जुड़ पाएगा? या उनकी नागरिकता पर कोई असर पड़ेगा? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
मतदाताओं को भरना होगा गणना प्रपत्र
बीएलओ जब आपके घर पहुंचता है, तो वह Enumeration Form देता है। अगर आपका नाम 2002 या 2003 की मतदाता सूची में है, या आपके माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी का नाम उस लिस्ट में मौजूद है, तो उस जानकारी को लिंक करना होगा। अपनी हाल की तस्वीर भी लगाकर यह फॉर्म भरकर बीएलओ को जमा करना होता है। इस प्रक्रिया में किसी भी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होती। फॉर्म जमा करने पर बीएलओ एक प्रति अपने पास रखता है और दूसरी आपको वापस दे देता है।
अगर बीएलओ आपके घर आता है और आप किसी कारण से उपलब्ध नहीं हैं, तो भी घबराने की जरूरत नहीं है। बीएलओ तीन बार आकर जांच करने की कोशिश करता है। यह जरूरी नहीं है कि घर में सभी सदस्य मौजूद हों। कोई एक सदस्य भी यह फॉर्म जमा कर सकता है।
अगर आप किसी दूसरे शहर में रहते हैं या यात्रा पर हैं, तो आप ऑनलाइन भी यह फॉर्म भर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले वोटर कार्ड को अपने मोबाइल नंबर से लिंक करना होगा।
2002-03 की वोटर लिस्ट में नाम नहीं है? कोई समस्या नहीं
अगर आपका या आपके परिवार के बड़े-बुजुर्गों का नाम 2002 या 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं है, तब भी आप फॉर्म भर सकते हैं। बस इस स्थिति में चुनाव आयोग की ओर से आपको एक नोटिस मिलेगा और आपकी सुनवाई होगी। सुनवाई के दौरान आपको कुछ मान्य दस्तावेज दिखाने होंगे, जैसे—पासपोर्ट, जन्म प्रमाणपत्र, स्कूल प्रमाणपत्र या स्थानीय अधिकारी द्वारा जारी निवास प्रमाणपत्र।
बीएलओ के काम पूरा करने के बाद एक ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होगी। इस लिस्ट में आप ऑनलाइन अपना नाम चेक कर सकते हैं। अगर आपका नाम इस अस्थायी सूची में नहीं है, तो एक महीने के भीतर शिकायत दर्ज कर सुधार करा सकते हैं।
अगर फाइनल वोटर लिस्ट में नाम न मिले तो क्या करें?
अगर किसी कारणवश आपका नाम अंतिम मतदाता सूची में भी न आए, तब भी चिंता की कोई बात नहीं है। आप सामान्य प्रक्रिया के माध्यम से फिर से अपना नाम वोटर लिस्ट में जुड़वा सकते हैं। इसके लिए आपको एड्रेस प्रूफ और कुछ जरूरी कागजात देने होंगे।
SIR सिर्फ मतदाता सूची को अपडेट करने की प्रक्रिया है—इसका नागरिकता से कोई संबंध नहीं है। विशेषज्ञों के अनुसार, वोटर लिस्ट से नाम हट जाने पर आपकी नागरिकता पर कोई सवाल नहीं उठता। यह केवल रिकॉर्ड ठीक करने का एक तरीका है।
