SIR Voter List Update:कौन भरेगा कौन-सा कॉलम, शादीशुदा महिलाओं को अभिभावक में किसका नाम लिखना है, जानिए पूरी गाइड

SIR प्रक्रिया में मतदाता सूची को अपडेट किया जा रहा है। शादीशुदा महिलाओं को अभिभावक कॉलम में पिता का नाम लिखना है। 2003 की सूची में नाम न होने पर भी फॉर्म भरना अनिवार्य है

SIR voter list update married women info

Special Intensive Revision (SIR) Voter List Update:देश के नौ राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेशों में इस समय स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत मतदाता सूची को अपडेट करने का काम चल रहा है। हर जगह बीएलओ घर-घर जाकर मतदाताओं से गणना प्रपत्र भरवा रहे हैं। लेकिन फॉर्म भरने को लेकर लोगों में काफी उलझन है। खासकर शादीशुदा महिलाओं में यह सवाल बार-बार उठ रहा है कि अभिभावक वाले कॉलम में पिता का नाम लिखें या पति का। आइए सरल भाषा में समझते हैं कि चुनाव आयोग ने इसके लिए क्या निर्देश दिए हैं।

गणना प्रपत्र में क्या-क्या भरा जाता है

चुनाव आयोग की ओर से जारी गणना प्रपत्र के पहले हिस्से में कुछ आधारभूत जानकारी पहले से दर्ज होती है। सबसे ऊपर बीएलओ का नाम और उनका मोबाइल नंबर लिखा होता है। इस नंबर की मदद से आप किसी भी समय उनसे संपर्क कर सकते हैं।

इसके बाद तीन कॉलम बने होते हैं।
पहले कॉलम में मतदाता का नाम, उसका एपिक नंबर और पता लिखा होता है।

दूसरे कॉलम में वोटर का सीरियल नंबर, पार्ट नंबर और मतदान केंद्र का नाम व पता दिया होता है।

तीसरे कॉलम में क्यूआर कोड के साथ मतदाता की श्वेत-श्याम फोटो होती है। फोटो के बगल में खाली जगह होती है, जहां मतदाता को अपनी रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो चिपकानी होती है।

शादीशुदा महिला पिता का नाम लिखेगी या पति का?

इसके बाद वाले कॉलम में मतदाता को अपनी जन्म तिथि, आधार नंबर और मोबाइल नंबर भरना होता है।
अगला कॉलम अभिभावक या पिता के नाम का होता है। चुनाव आयोग के अनुसार, इस कॉलम में सभी महिलाएं, चाहे शादीशुदा हों या अविवाहित, अपने पिता का नाम ही लिखेंगी। इसके नीचे उनके पिता का एपिक नंबर भरना होता है।

इसके बाद मां का नाम और उनका एपिक नंबर दर्ज किया जाता है।
फॉर्म में एक अलग कॉलम पति के नाम का भी है। शादीशुदा महिलाएं इस कॉलम में अपने पति का नाम और उनका एपिक नंबर लिखेंगी।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि विवाह हो जाने के बाद भी महिला को माता-पिता से संबंधित विवरण देना आवश्यक है।

परिवार का कोई सदस्य बाहर हो तो क्या करें

अगर परिवार का कोई सदस्य घर पर मौजूद नहीं है, तो उसका फॉर्म अभिभावक भरकर जमा कर सकता है, लेकिन यह उल्लेख करना जरूरी है कि फॉर्म किसकी ओर से भरा गया है।

पुराने SIR रिकॉर्ड की जानकारी

फॉर्म का अगला हिस्सा दो भागों में बंटा है।

यदि मतदाता का नाम 2002-2003 के एसआईआर रिकॉर्ड में है, तो उसे अपना नाम, एपिक नंबर, संबंध, जिला, राज्य, विधानसभा केंद्र, सीरियल नंबर और पार्ट नंबर भरना होगा।

अगर नाम उस पुराने रिकॉर्ड में नहीं है, तो मतदाता को अपने माता-पिता, दादा-दादी या नाना-नानी का विवरण भरना होगा और संबंधित दस्तावेज की कॉपी भी फॉर्म के साथ लगानी होगी। इसके बाद हस्ताक्षर करके फॉर्म बीएलओ को देना होगा।

2003 की सूची में नाम न हो तब भी फॉर्म भरें

बीएलओ दो प्रतियों में गणना प्रपत्र दे रहे हैं। फॉर्म जमा करने पर एक प्रति पावती के रूप में आपको वापस मिल जाती है।

अगर किसी का नाम 2003 की सूची में नहीं था, लेकिन वर्तमान मतदाता सूची में है, तब भी उसे फॉर्म भरकर जमा करना जरूरी है। 2003 की सूची में यदि आपके पूर्वज दर्ज रहे होंगे तो उसी आधार पर मैपिंग होगी।

नौ दिसंबर को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी होने के बाद, जिनकी मैपिंग नहीं हुई होगी उन्हें नोटिस मिलेगा। इसके बाद उन्हें आयोग द्वारा बताए गए 11 पहचान पत्रों में से किसी एक को लेकर सत्यापन के लिए उपस्थित होना होगा

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