Supplementary Budget Focus on Welfare: राज्य सरकार ने अनुपूरक बजट के जरिए समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्गों को बड़ी राहत देने की कोशिश की है। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति, कन्याओं के विवाह और दिव्यांग जनों से जुड़ी योजनाओं के लिए अतिरिक्त धनराशि का प्रावधान किया गया है। सरकार का कहना है कि इन योजनाओं का मकसद शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा को मजबूत करना है।
समाज कल्याण विभाग पर खास ध्यान
अनुपूरक बजट में समाज कल्याण विभाग को खास प्राथमिकता दी गई है। अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति और जनजाति के छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति और शुल्क प्रतिपूर्ति का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त बजट की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही अनुसूचित जाति वर्ग के लिए विभिन्न मेडिकल कॉलेजों और संस्थानों में मानक मदों के तहत 15.46 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी गई है।
स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने की पहल
ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के तहत अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 1223.55 करोड़ रुपये का बड़ा अनुपूरक अनुदान दिया गया है। सरकार का मानना है कि इससे गांवों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच बढ़ेगी और लोगों को बेहतर इलाज मिल सकेगा।
इसके अलावा, अनुसूचित जाति वर्ग के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की निरंतरता बनाए रखने के उद्देश्य से राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत 11.40 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था भी की गई है।
ओबीसी विद्यार्थियों के लिए राहत
उत्तर प्रदेश के सभी सरकारी, सहायता प्राप्त और मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों में पढ़ने वाले ओबीसी विद्यार्थियों के लिए भी अनुपूरक बजट में विशेष प्रावधान किया गया है। वर्ष 2024-25 के बकाया भुगतान और वर्ष 2025-26 के पात्र छात्रों के लिए लगभग 362 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि रखी गई है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि छात्रवृत्ति योजनाएं बिना किसी रुकावट के चलती रहें।
वंचित परिवारों और छात्राओं को सामाजिक सहारा
अनुपूरक बजट में अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब कर्मचारियों की बेटियों की शादी के लिए आर्थिक मदद के तौर पर 32 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। साथ ही, ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिए शैक्षणिक संस्थानों में छात्रावास निर्माण हेतु 2 करोड़ रुपये की अतिरिक्त व्यवस्था प्रस्तावित की गई है।
इसके अलावा, अटल वयो अभ्युदय योजना के तहत बुजुर्गों को सामाजिक सुरक्षा और सम्मानजनक जीवन देने के लिए 5.59 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए भी 200 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी गई है, जिससे जरूरतमंद परिवारों को बड़ी राहत मिलेगी।
दिव्यांग सशक्तिकरण पर सरकार का फोकस
सरकार ने दिव्यांग जनों के सशक्तिकरण को लेकर भी ठोस कदम उठाए हैं। दिव्यांग जन सशक्तिकरण विभाग के अधीन कार्यालयों में ई-ऑफिस व्यवस्था लागू करने के लिए हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर और कनेक्टिविटी हेतु 1 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बजट दिया गया है।
डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय को विभिन्न मदों में सहायता अनुदान के रूप में 5.43 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। वहीं सरकारी और जनोपयोगी भवनों में दिव्यांग जनों के लिए बाधारहित और सुगम वातावरण तैयार करने के लिए 6 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि रखी गई है।
