Steve Jobs: स्टीव जॉब्स की जिंदगी एक अद्भुत प्रेरणा है, लेकिन उनकी सेहत के मामले में हुई एक गलती ने उनके लिए भारी पड़ गई। हम सभी जानते हैं कि स्टीव जॉब्स ने टेक्नोलॉजी की दुनिया में क्रांति ला दी, लेकिन अपनी सेहत को लेकर वो कुछ जरूरी चीजें नजरअंदाज कर गए, जिससे उनकी ज़िन्दगी बहुत छोटी हो गई और 5 अक्टूबर 2011 में सिर्फ 56 साल की उम्र में उन्हेंगे दुनिया को अलविदा कह दिया।
आंतों की सेहत की अनदेखी
स्टीव जॉब्स के लिए सबसे बड़ा अफसोस यह था कि उन्होंने अपनी आंतों की सेहत को नजरअंदाज किया। उनका मानना था कि शरीर को सही रखने के लिए सिर्फ खानपान ही काफी है, लेकिन उन्होंने कभी यह नहीं सोचा कि शरीर को संतुलित आहार की जरूरत होती है।
कैंसर से जूझते हुए
2003 में जब एप्पल की सफलता अपने चरम पर थी, तो जॉब्स को दर्द होने लगा था। डॉक्टरों ने बताया कि उन्हें पैंक्रियाटिक कैंसर का एक दुर्लभ रूप हुआ है। इलाज के लिए जो रास्ता डॉक्टर ने सुझाया था, जॉब्स ने उसे अपनाने की बजाय अपनी पुरानी डाइट को बढ़ा दिया। उनका मानना था कि डाइट और फल खाकर वह ठीक हो सकते हैं, लेकिन यह उनका सबसे बड़ा गलत कदम था।
स्टीव जॉब्स की डाइट
जॉब्स की डाइट काफी एक्सट्रीम थी। वह हेल्दी फैट्स और प्रोटीन से बचते थे और फल खाने को ही सबसे बेहतर मानते थे। हालांकि, इस डाइट ने उनका शरीर कमजोर किया और कैंसर ने उनकी सेहत पर असर डालना शुरू कर दिया।
डॉक्टर की सलाह को नजरअंदाज करना
डॉक्टरों ने जॉब्स को कहा था कि उनके शरीर को संतुलित आहार की जरूरत है, जिसमें प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और जरूरी न्यूट्रिएंट्स शामिल हों। लेकिन जॉब्स ने उनकी सलाह को नजरअंदाज किया और अपने तरीके से ही इलाज करने का फैसला लिया।
आंतों के लिए जरूरी आहार
आजकल के वैज्ञानिकों का मानना है कि आंतों की सेहत के लिए प्रोबायोटिक्स और फर्मेंटेड फूड्स जैसे घर का बना दही बहुत फायदेमंद होते हैं। अगर जॉब्स ने इस तरह के आहार पर ध्यान दिया होता, तो शायद उनकी सेहत में सुधार आता।
स्टीव जॉब्स का आखिरी संदेश
आखिरी समय में जॉब्स ने अपनी डॉक्टरी सलाह को याद करते हुए कहा था, बुनियादी बातों पर ध्यान देना चाहिए। जब शरीर को सही आहार मिलता है, तो वह खुद ठीक हो जाता है। हालांकि तब तक बहुत देर हो चुकी थी, और 2011 में उनका निधन हो गया।