Subhanshu Shukla’s Emotional Message: 25 जून 2025 को भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुबांशु शुक्ला ने स्पेसएक्स फाल्कन‑9 रॉकेट से उड़ान भरी और अमेरिका के केनेडी स्पेस सेंटर से अक्सियम‑4 मिशन के तहत इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) की ओर प्रस्थान किया। वो 1984 के बाद भारत के पहले ऐसे नागरिक बने जो ISS में पहुंचें, पहली बार राकेश शर्मा ने सोवियत मिशन पर यह मुकाम हासिल किया था।
पत्नि कमना के नाम भावनाओं भरा तोहफा
उड़ान से कुछ घंटों पहले, शुबांशु ने इंस्टाग्राम पर एक बेहद संवेदनशील संदेश लिखा। उन्होंने लिखा:
“विशेष धन्यवाद @kamnashubha तुम एक अद्भुत साथी हो। तुम्हारे बिना यह संभव नहीं, लेकिन इससे भी जरूरी है कि यह मायने नहीं रखता”
शुबांशु ने यह भी उल्लेख किया कि स्पेस यात्रा अकेले नहीं की जाती, बल्कि यह कई लोगों के सहयोग की वजह से सफल होती है। उन्होंने अपने परिवार, दोस्तों और मिशन टीम का आभार जताया ।
बचपन की दोस्त,अब जीवन साथी
इतिहास में एक खास कहानी है कमना और शुबांशु बहुत पहले लखनऊ के एक स्कूल में तीसरी कक्षा में एक दूसरे से मिले थे। तब से उनकी दोस्ती गहरी होती गई और बाद में शादी तक का सफर तय किया । अब कमना शुबांशु की सबसे बड़ी सहायक बनकर मिशन की नींव बनी हुई हैं।
उनकी पत्नी कमना भी उनके बलवान स्तंभ हैं, जैसा कि उनके मोबाइल फोन इंस्टाग्राम पर साझा किए गए एक तस्वीर में झलकता है, जहां वे ग्लास की दीवार पार कर शुबांशु को अलविदा कहते नजर आईं ।
परिवार की भावनाएँ
मिशन लॉन्च के दौरान शुबांशु की मां आशा शुक्ला बेहद भावुक नजर आईंवो सामने बैठीं, हाथ जोड़कर और आंखों में आंसू लिए और पूरे परिवार की भावना को दर्शाया। उन्होंने विशेष रूप से कमना का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह उपलब्धि कमना की भूमिका के बिना संभव नहीं थी ।
ऐक्सियम‑4 मिशन ,भारत की नई उड़ान
यह मिशन सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है। शुबांशु शुक्ला एक ऐसे दौर में मौजूद हैं, जब भारत ने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के साथ ISS तक अपनी पहुंच बनाई है। यह मिशन 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेगा, जिसमें भारतीय शोधकर्ताओं का योगदान भी शामिल है। उत्तरी अमेरिका, ESA और हंगरी के साथ मिलकर किया गया यह सहयोग भारत की अंतरिक्ष अभियानों में नई ऊंचाइयों की पहचान है।