World Magic Championship2025 में ‘बेस्ट मैजिक क्रिएटर’ का खिताब जीत,सुहानी शाह ने रचा इतिहास भारत को दिलाया सम्मान

सुहानी शाह ने वर्ल्ड मैजिक चैंपियनशिप 2025 में ‘बेस्ट मैजिक क्रिएटर’ का अवॉर्ड जीतकर भारत को गर्व का मौका दिया। उन्होंने दुनिया के बड़े जादूगरों को पीछे छोड़ते हुए ये सम्मान हासिल किया।

FISM Italy 2025:मैजिक की अंतरराष्ट्रीय दुनिया से भारत के लिए गर्व की खबर आई है। इटली में हुई ‘वर्ल्ड चैंपियनशिप ऑफ मैजिक 2025’ में भारत की जानी-मानी जादूगर और माइंड रीडर सुहानी शाह को ‘बेस्ट मैजिक क्रिएटर’ का प्रतिष्ठित अवॉर्ड मिला है। यह सम्मान दुनियाभर के मैजिशियन्स के लिए सबसे ऊंचा माना जाता है। उनकी इस जीत ने भारत को ग्लोबल मैजिक कम्युनिटी में एक नई पहचान दिलाई है।

दिग्गज कलाकारों को दी मात

इस प्रतियोगिता को ‘जादू की दुनिया का ओलंपिक’ कहा जाता है। इस साल के आयोजन में FISM ने पहली बार ऑनलाइन कंटेंट क्रिएटर के लिए एक नई कैटेगरी शुरू की। इसमें उन कलाकारों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जादू और मेंटलिज्म को नए स्तर पर पहुंचाया। सुहानी शाह ने इस कैटेगरी में जैक रोड्स, जेसन लाडान्ये, और मोहम्मद इमानी जैसे बड़े अंतरराष्ट्रीय नामों को हराया। उनके विजुअल ट्रिक्स, माइंड गेम्स और ऑनलाइन शो को दुनियाभर में सराहा गया है।

जीत पर सुहानी का रिएक्शन

इतना बड़ा अवॉर्ड मिलने के बाद सुहानी शाह ने अपने इंस्टाग्राम स्टोरी पर लिखा “कर दिखाया दोस्तों! हम जीत गए। एक जादूगर को मिलने वाला सबसे बड़ा सम्मान। दिल से शुक्रिया! “उनकी इस प्रतिक्रिया ने लाखों फैंस और युवा कलाकारों को जोश से भर दिया।

कौन हैं सुहानी शाह?

सुहानी शाह का जन्म 29 जनवरी 1990 को उदयपुर, राजस्थान में हुआ था। वे खुद को माइंड रीडर, कॉर्पोरेट ट्रेनर और लाइफ कोच भी मानती हैं। उन्होंने अब तक 5 किताबें लिखी हैं। उनके पिता चंद्रकांत शाह फिटनेस कंसल्टेंट हैं और मां स्नेहलता शाह एक गृहिणी हैं।

7 साल की उम्र से कर रहीं मैजिक

सुहानी ने सिर्फ 7 साल की उम्र में अपना पहला मैजिक शो अहमदाबाद के ठाकोरभाई देसाई हॉल में किया था। आज उन्हें ‘जादू परी’ के नाम से जाना जाता है। यह उपाधि उन्हें ऑल इंडिया मैजिक एसोसिएशन ने दी है।

कितनी पढ़ाई की है?

सुहानी शाह ने संदीप माहेश्वरी के एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने केवल कक्षा 1 तक ही स्कूल किया है। उसके बाद उन्होंने पारंपरिक पढ़ाई छोड़ दी और पूरी तरह अपने पैशन मैजिक को अपना लिया।

सुहानी शाह की ये ऐतिहासिक जीत ना सिर्फ उनके लिए, बल्कि भारत के हर युवा कलाकार के लिए एक प्रेरणा है। उन्होंने साबित किया कि लगन, मेहनत और जुनून से किसी भी मंच पर चमका जा सकता है।

Exit mobile version