लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर्स को supreme court से राहत सरकार को झटका,अब टिकटों पर कौनसा टैक्स नहीं लगेगा

सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि लॉटरी टिकटों की बिक्री, प्रचार या अन्य गतिविधियों पर सेवा कर नहीं लगेगा। सरकार की अपील खारिज कर दी, कोर्ट ने कहा कि लॉटरी एक भाग्य का खेल है, सेवा नहीं, इसलिए इस पर टैक्स नहीं लग सकता।

Supreme Court ruling on lottery distributors सुप्रीम कोर्ट ने लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर्स के पक्ष में एक बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने साफ कर दिया है कि लॉटरी टिकटों की बिक्री, प्रचार या इससे जुड़ी किसी भी गतिविधि पर सेवा कर (Service Tax) नहीं लगेगा। केंद्र सरकार और उसके राजस्व विभाग ने इस पर टैक्स लगाने के लिए याचिका डाली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया।

इस फैसले से लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर्स को बड़ी राहत मिली है और पूरे देश में खुशी की लहर है। इससे पहले, इस मामले को लेकर काफी विवाद था और सरकार लॉटरी बिक्री पर टैक्स लगाने की कोशिश कर रही थी।

क्यों आया यह फैसला

इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति बी वी नागरत्ना और न्यायमूर्ति एन के सिंह की बेंच ने की। उन्होंने कहा कि सरकार की अपील में कोई ठोस आधार नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है। साथ ही, करदाता (लॉटरी वितरकों) की अपील को स्वीकार कर लिया गया।

कोर्ट ने 120 पन्नों का विस्तार से फैसला दिया, जिसमें सिक्किम हाई कोर्ट के पूर्व फैसले को बरकरार रखा गया। इसमें वित्तीय कानून, संशोधनों और इस मामले के कानूनी पहलुओं पर भी चर्चा की गई।

लॉटरी वितरकों के लिए क्या मायने रखता है यह फैसला

यह फैसला लॉटरी कारोबार से जुड़े लोगों के लिए बहुत अहम है। इससे उन्हें ये फायदे मिलेंगे

सेवा कर से राहत,अब लॉटरी बेचने, प्रचार करने या अन्य संबंधित गतिविधियों पर कोई सेवा कर नहीं लगेगा।

कारोबार आसान होगा, टैक्स को लेकर जो अनिश्चितता थी, वह अब खत्म हो गई है, जिससे व्यापार सुचारू रूप से चल सकेगा।

सुप्रीम कोर्ट की मुहर, अब केंद्र सरकार या कोई भी विभाग इस फैसले को चुनौती नहीं दे सकता, क्योंकि यह सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय है।

सुप्रीम कोर्ट का फैसला क्या कहता है

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि लॉटरी कोई “सेवा” नहीं है, बल्कि यह एक गेम ऑफ चांस (भाग्य का खेल) है। इसलिए, इस पर सेवा कर लागू नहीं हो सकता।

इस फैसले ने केंद्र सरकार की उस दलील को भी खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि लॉटरी टिकटों की बिक्री से सरकार को राजस्व मिलता है और इसलिए इस पर टैक्स लगना चाहिए।

अब आगे क्या होगा

इस फैसले के बाद लॉटरी डिस्ट्रीब्यूटर्स को टैक्स से बचने के लिए कोई अतिरिक्त प्रक्रिया नहीं अपनानी पड़ेगी। सरकार चाहे तो इस पर नया कानून बना सकती है, लेकिन फिलहाल यह फैसला लॉटरी उद्योग के पक्ष में गया है।

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