Temple stampede incidents in India : भारत में धार्मिक आयोजनों के दौरान भीड़ की वजह से कई बार दुखद हादसे हुए हैं। पिछले दो दशकों में मंदिरों में हुई प्रमुख भगदड़ की घटनाओं पर एक नजर डालते हैं।
मंधारदेवी मंदिर, महाराष्ट्र (2005)
25 जनवरी 2005 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में स्थित मंधारदेवी मंदिर में वार्षिक यात्रा के दौरान भगदड़ मच गई। सीढ़ियों पर नारियल तोड़ने से फिसलन बढ़ी, जिससे कई लोग गिर पड़े और अफरा तफरी मच गई। इस हादसे में 340 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए।
नैना देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश (2008)
3 अगस्त 2008 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित नैना देवी मंदिर में भूस्खलन की अफवाह के कारण भगदड़ मच गई। इस घटना में 162 लोगों की जान चली गई और 47 अन्य घायल हो गए।
चामुंडा देवी मंदिर, राजस्थान (2008)
30 सितंबर 2008 को जोधपुर के चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह से भगदड़ मच गई। इस हादसे में लगभग 250 भक्तों की मौत हो गई और 60 से अधिक लोग घायल हुए।
राम जानकी मंदिर, उत्तर प्रदेश (2010)
4 मार्च 2010 को उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में कृपालु महाराज के राम जानकी मंदिर में मुफ्त कपड़े और भोजन वितरण के दौरान भगदड़ मच गई। इस घटना में लगभग 63 लोगों की मौत हो गई।
हर की पौड़ी, हरिद्वार (2011)
8 नवंबर 2011 को हरिद्वार में गंगा नदी के किनारे हर की पौड़ी घाट पर भगदड़ मचने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई।
अदालत घाट, पटना (2012)
19 नवंबर 2012 को पटना में गंगा नदी के किनारे अदालत घाट पर छठ पूजा के दौरान एक अस्थायी पुल के ढह जाने से भगदड़ मच गई। इस हादसे में लगभग 20 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
रतनगढ़ मंदिर, मध्य प्रदेश (2013)
13 अक्टूबर 2013 को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में स्थित रतनगढ़ मंदिर में नवरात्रि के दौरान भगदड़ मच गई। इस घटना में 115 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।
वैष्णो देवी मंदिर, जम्मू-कश्मीर (2022)
1 जनवरी 2022 को जम्मू कश्मीर के कटरा में स्थित माता वैष्णो देवी मंदिर में नए साल के अवसर पर भारी भीड़ के कारण भगदड़ मच गई। इस हादसे में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और 12 से अधिक लोग घायल हो गए।
आंध्र प्रदेश (2025)
जनवरी 2025 में आंध्र प्रदेश में एक धार्मिक आयोजन के दौरान भगदड़ मच गई, जिसमें कम से कम 6 लोगों की मौत हो गई और 35 अन्य घायल हो गए।
इन घटनाओं से पता चलता है कि धार्मिक आयोजनों में भीड़ प्रबंधन की कमी के कारण कितनी बड़ी त्रासदियां हो सकती हैं। प्रशासन और आयोजकों को चाहिए कि वे ऐसे आयोजनों में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।