Toll Tax: जब भी हम हाइवे या एक्सप्रेसवे पर सफर करते हैं, तो टोल प्लाजा से गुजरना ज़रूरी होता है। यह सिर्फ एक टैक्स नहीं, बल्कि सरकार की एक बड़ी कमाई का ज़रिया भी है।
सड़क परिवहन मंत्रालय के अनुसार, जून 2025 तक देश में 1,087 टोल प्लाजा सक्रिय हैं। ये प्लाजा देश के लगभग 1.5 लाख किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क का हिस्सा हैं। इनमें से करीब 45,000 किलोमीटर सड़कों पर ही टोल वसूली की जाती है। पिछले 5 वर्षों में 457 नए टोल प्लाजा बनाए गए हैं, जिससे यह साफ होता है कि देश में सड़कें तेजी से बन रही हैं और फास्टैग जैसी तकनीक का भी इस्तेमाल बढ़ा है।
हर दिन कितनी कमाई होती है?
आपको जानकर हैरानी होगी कि टोल प्लाजा से हर दिन औसतन 168.24 करोड़ रुपये की कमाई होती है। ये रकम सालाना करीब 61,408 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है। इस पैसे का उपयोग सड़क निर्माण, रखरखाव और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर कार्यों में किया जाता है।
फास्टैग से बदली टोल वसूली की तस्वीर
फास्टैग सिस्टम आने के बाद टोल वसूली अधिक पारदर्शी और तेज़ हो गई है। डिजिटल पेमेंट से समय की बचत होती है और टोल चोरी जैसी दिक्कतें कम हुई हैं। 2019-20 में वसूली जहां 27,504 करोड़ थी, वहीं 2023-24 में यह 55,882 करोड़ तक पहुंच गई। यानी महज चार साल में कमाई लगभग दोगुनी हो गई है।
सबसे ज्यादा कमाने वाले टोल प्लाजा
हर टोल प्लाजा की कमाई बराबर नहीं होती। कुछ रास्ते ऐसे हैं, जहां भारी ट्रैफिक के चलते ज्यादा कमाई होती है। गुजरात का भरथना टोल प्लाजा इस लिस्ट में सबसे ऊपर है, जिसने 2023-24 में 472.65 करोड़ रुपये की कमाई की। इसके बाद शाहजहांपुर (राजस्थान), जलधुलागोरी (पश्चिम बंगाल), बड़ाजोर (यूपी) और घरौंडा (हरियाणा) प्रमुख प्लाजा हैं।
टोल टैक्स से देश का विकास
टोल से मिलने वाली रकम सिर्फ सरकार की आमदनी नहीं, बल्कि उसका उपयोग देश के सड़क नेटवर्क को बेहतर और सुरक्षित बनाने में किया जाता है। इससे नई सड़कें, एक्सप्रेसवे और तकनीकी सुविधाएं तैयार होती हैं, जिससे यातायात तेज और सुविधाजनक हो जाता है।