हिंदू और ईसाई प्रतीकों के साथ वीडियो पर बवाल: कनाडाई रैपर टॉमी जेनेसिस घिरी विवादों में

कनाडाई रैपर टॉमी जेनेसिस अपने नए वीडियो "ट्रू ब्लू" को लेकर विवादों में हैं। हिंदू देवी के रूप में प्रस्तुतिकरण और ईसाई क्रॉस के साथ आपत्तिजनक दृश्य को लेकर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप लगे हैं।

Tommy Genesis

Tommy Genesis controversy: कनाडा की भारतीय मूल की रैपर टॉमी जेनेसिस, जिनका असली नाम जेनेसिस यास्मीन मोहनराज Tommy Genesis  है, अपने हालिया म्यूजिक वीडियो “ट्रू ब्लू” को लेकर तीखे विवादों में घिर गई हैं। वीडियो में उन्होंने हिंदू देवी की तरह नीले रंग के मेकअप, सोने के गहनों और लाल बिंदी के साथ प्रस्तुति दी है, जबकि एक दृश्य में क्रॉस को चाटते हुए भी दिखाया गया है। इससे हिंदू और ईसाई दोनों समुदायों में रोष फैल गया है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए सोशल मीडिया पर विरोध तेज हो गया है। जहां कई लोग इसे “आर्ट की आड़ में अपमान” बता रहे हैं, वहीं उनके समर्थक इसे एक सांस्कृतिक अभिव्यक्ति करार दे रहे हैं।

हिंदू देवी के अवतार और क्रॉस की छवि पर हंगामा

Tommy Genesis  जेनेसिस यास्मीन मोहनराज का नवीनतम वीडियो “ट्रू ब्लू”, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, धार्मिक प्रतीकों के उपयोग को लेकर सवालों के घेरे में आ गया है। वीडियो में उन्हें एक देवी के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें नीला शरीर, भारी सोने के आभूषण और माथे पर बिंदी के साथ एक हिंदू देवी की छवि पेश की गई है। इसके अलावा, उन्होंने एक ईसाई प्रतीक, क्रॉस, को चाटते हुए दिखाया है, जिसे कई ईसाइयों ने पवित्र प्रतीक का अपमान बताया है।

धार्मिक समुदायों ने जताई कड़ी आपत्ति

हिंदू और ईसाई दोनों समुदायों के कई सदस्यों ने वीडियो को “अपमानजनक” बताते हुए जेनेसिस पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया है। ट्विटर पर एक यूजर ने लिखा, “यह जानबूझकर किया गया अपमान है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।” एक अन्य ने कहा, “इस वीडियो में आस्था के प्रतीकों का भद्दा प्रयोग किया गया है, ये कला नहीं, धर्म का मजाक है।” कई धार्मिक संगठनों ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की है।

समर्थकों ने बताया ‘अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता’

विवाद के बीच, जेनेसिस के समर्थकों ने तर्क दिया कि वीडियो एक कलात्मक अभिव्यक्ति है और इसे किसी धर्म के अपमान के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। उनका कहना है कि जेनेसिस ने अपने व्यक्तिगत और सांस्कृतिक अनुभवों को दर्शाने की कोशिश की है, और यह दृश्य सांस्कृतिक प्रतीकों के साथ उनके जुड़ाव को दर्शाता है न कि अनादर को।

कलात्मक स्वतंत्रता बनाम धार्मिक सम्मान

यह विवाद एक बार फिर उस जटिल बहस को जन्म देता है जहां अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धार्मिक भावनाओं के सम्मान के बीच संतुलन तलाशना पड़ता है। आलोचकों का कहना है कि सार्वजनिक हस्तियों को ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर जिम्मेदारी के साथ काम करना चाहिए। फिलहाल, Tommy Genesis ने इस विवाद पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन बहस जारी है कि रचनात्मकता की सीमाएं कहां समाप्त होती हैं, खासकर तब जब उसमें आस्था का मुद्दा जुड़ा हो।

सांप ने काटा, फिर पकड़ा भी: युवक बोरी में सांप लेकर पहुंचा मेडिकल कॉलेज, डॉक्टर रह गए दंग

Exit mobile version