Universal Pension Scheme : सरकार अब यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) लाने की तैयारी कर रही है। खासतौर पर असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों, कंस्ट्रक्शन सेक्टर के मजदूरों और गिग वर्कर्स को पेंशन सुरक्षा देने के लिए इस योजना पर काम शुरू हो चुका है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस स्कीम का प्रपोजल डॉक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है, ताकि भविष्य में इसे लागू किया जा सके।
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम का उद्देश्य
सरकार का मकसद न सिर्फ वेतनभोगी कर्मचारियों को बल्कि स्वरोजगार करने वालों को भी पेंशन के दायरे में लाना है। लेबर मिनिस्ट्री इस पर गंभीरता से काम कर रही है और जल्द ही हितधारकों से सुझाव मांगे जाएंगे। सरकार चाहती है कि इस योजना के जरिए देश के हर नागरिक को बुढ़ापे में आर्थिक सुरक्षा मिले।
अभी किन योजनाओं से मिलती है पेंशन
फिलहाल, सरकार असंगठित क्षेत्र के मजदूरों और अन्य कामगारों के लिए कई पेंशन योजनाएं चला रही है।
अटल पेंशन योजना (APY) इस योजना में निवेश करने वाले को 60 साल की उम्र के बाद गारंटीड पेंशन मिलती है।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन (PM-SYM): यह योजना रेहड़ी-पटरी वालों और घरेलू कामगारों के लिए बनाई गई है, जिसमें 60 साल बाद नियमित पेंशन मिलती है।
क्या सरकार भी देगी योगदान
सबसे बड़ा सवाल यह है कि इस यूनिवर्सल पेंशन स्कीम में सरकार की तरफ से कोई आर्थिक सहयोग मिलेगा या नहीं। रिपोर्ट्स के अनुसार, यह योजना एक स्वैच्छिक पेंशन स्कीम होगी, जिसमें सरकार का कोई प्रत्यक्ष योगदान नहीं होगा। मौजूदा समय में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों का योगदान होता है, लेकिन इस योजना में ऐसा नहीं होगा।
क्या यह NPS को रिप्लेस करेगी
कई लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या यूनिवर्सल पेंशन स्कीम (UPS) मौजूदा नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) की जगह लेगी? इसका जवाब ‘नहीं’ है। UPS को NPS से अलग रखा जाएगा, और यह मौजूदा पेंशन योजनाओं को प्रभावित नहीं करेगी।
दुनिया के किन देशों में पहले से मौजूद है यह योजना
अमेरिका, कनाडा, रूस, चीन और कई यूरोपीय देशों में पहले से ही सामाजिक सुरक्षा योजनाएं लागू हैं, जो पेंशन, स्वास्थ्य सेवाएं और बेरोजगारी लाभ जैसी सुविधाएं देती हैं। डेनमार्क, स्वीडन, नॉर्वे, नीदरलैंड और न्यूजीलैंड जैसे देशों में बुजुर्गों की आर्थिक सुरक्षा के लिए यूनिवर्सल पेंशन स्कीम पहले से लागू है।
यूनिवर्सल पेंशन स्कीम एक ऐसा कदम है, जिससे असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों और स्वरोजगार करने वालों को भी पेंशन का लाभ मिल सकेगा। सरकार इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने की कोशिश कर रही है, ताकि देश के हर नागरिक को बुढ़ापे में वित्तीय सुरक्षा मिल सके।