VB-G RAM G: मनरेगा की जगह नई योजना लाने की तैयारी संसद में नया बिल पेश, क्या ज्यादा दिनों के काम की मिलेगी गारंटी

सरकार मनरेगा की जगह वीबी-जी राम जी योजना लाने जा रही है। नई योजना में ग्रामीण परिवारों को 125 दिनों का गारंटीड रोजगार, बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर, पारदर्शिता और विकसित भारत 2047 के अनुरूप विकास का लक्ष्य रखा गया है।

VB-G RAM G Scheme Bill: केंद्र सरकार अब मनरेगा की जगह एक नई योजना लेकर आने की तैयारी में है, जिसका नाम विकसित भारत–जी राम जी योजना (VB-G RAM G) रखा गया है। सरकार आज इस संबंध में संसद में विधेयक पेश करेगी। हालांकि, बिल पेश होते समय संसद में हंगामे की संभावना भी जताई जा रही है।

मनरेगा, जिसका पूरा नाम महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम है, साल 2005 में यूपीए सरकार के दौरान लागू किया गया था। शुरुआत में इसे NREGA कहा गया और 2009 में इसका नाम बदलकर MGNREGA कर दिया गया। इस योजना के तहत ग्रामीण परिवारों को हर साल 100 दिनों का गारंटीड रोजगार मिलता था।

2047 के विज़न से जुड़ी है नई योजना

सरकार के मुताबिक, नया विधेयक “विकसित भारत 2047” के राष्ट्रीय विज़न से जुड़ा हुआ है। इस बिल का उद्देश्य पुराने मनरेगा कानून को खत्म कर एक नए और मजबूत ग्रामीण रोजगार ढांचे को लागू करना है। नई योजना के तहत हर ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को, जो अकुशल शारीरिक श्रम करने के लिए तैयार हैं, हर वित्तीय वर्ष में 125 दिनों के काम की कानूनी गारंटी दी जाएगी।

यह विधेयक लोकसभा की सप्लीमेंट्री लिस्ट में शामिल किया गया है और जल्द ही इस पर चर्चा शुरू होगी।

सरकार ने क्या कहा

ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मनरेगा ने पिछले 20 वर्षों में ग्रामीण परिवारों को रोजगार सुरक्षा दी है। लेकिन अब ग्रामीण भारत में हालात काफी बदल चुके हैं। बेहतर सड़कें, डिजिटल सुविधाएं, सामाजिक सुरक्षा योजनाएं और आय के नए साधन सामने आए हैं। ऐसे में मौजूदा व्यवस्था को और मजबूत बनाना जरूरी हो गया है।

उन्होंने बताया कि जहां मनरेगा का फोकस केवल रोजगार देने तक सीमित था, वहीं नई योजना का लक्ष्य ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भर, मजबूत और समृद्ध बनाना है।

नई योजना में क्या खास होगा

नई योजना में रोजगार को ग्रामीण विकास से सीधे जोड़ा गया है। इसके तहत चार अहम क्षेत्रों पर काम होगा। पहला, जल से जुड़े कार्य, जिससे जल सुरक्षा मजबूत होगी। दूसरा, बुनियादी ग्रामीण ढांचा जैसे सड़कें और संपर्क व्यवस्था। तीसरा, आजीविका से जुड़ा ढांचा, जैसे भंडारण और बाजार सुविधा। चौथा, जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए विशेष कार्य।

योजना के तहत बनी सभी संपत्तियों को विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर ढांचे से जोड़ा जाएगा।

श्रमिकों और किसानों को क्या फायदा

इस योजना से ग्रामीण मजदूरों को 25 प्रतिशत ज्यादा काम के दिन मिलेंगे, जिससे उनकी आय बढ़ेगी। डिजिटल हाजिरी, सीधा बैंक भुगतान और सख्त निगरानी से पारदर्शिता बढ़ेगी। अगर काम नहीं दिया गया, तो बेरोजगारी भत्ता भी मिलेगा।

किसानों के लिए भी यह योजना फायदेमंद होगी। बुवाई और कटाई के समय 60 दिनों तक सार्वजनिक काम रोके जा सकेंगे, जिससे खेती के समय मजदूरों की कमी नहीं होगी और लागत भी नियंत्रण में रहेगी।

सरकार का मानना है कि यह नई योजना ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगी और मनरेगा की कमियों को दूर करेगी।

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