नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। देश के 17वें उपराष्ट्रपति के चुनाव को लेकर मंगलवार को संसद भवन में सुबह 10 बजे से मतदान शुरू हुआ, जो देरशाम पांच बजे तक चला। कुल 768 सांसदों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। मुकाबला एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी बी सुदर्शन रेड्डी के बीच था। राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी ने मीडिया के सामने आकर चुनाव परिणाम की घोषणा की। उन्होंने बताया कि एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को 452 मत मिले हैं। राधाकृष्णन को भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया है। विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार न्यायमूर्ति सुधर्शन रेड्डी को 300 मत प्राप्त हुए हैं।
लोकसभा और राज्यसभा मिलाकर भारत की संसद में कुल 788 सांसद हैं। वर्तमान दोनों सदनों को मिलाकर 7 सीटें रिक्त हैं। इस तरह कुल 781 सांसदों को वोट करना था, जिसमें से 13 वोटिंग में शामिल नहीं हुए। इनमें बीआरएस के 4, बीजेडी के 7, अकाली दल के 1 और 1 निर्दलीय सांसद ने वोट नहीं डाला। सभी सांसदों ने वोटिंग की। मतों की गणना का काम शुरू हुआ और आखिर में एनडीए के कैंडीडेट सीपी राधाकृष्णन ने इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार को हराकर देश के उपराष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया। राधाकृष्णम की जीत के बाद बीजेपी के नेता गदगद हैं और सोशल मीडिया में देश के नवनिर्वाचित उपराष्ट्रपति को बधाई दे रहे हैं।
राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी ने बताया कि एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को प्रथम वरीयता के 452 वोट मिले। विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को प्रथम वरीयता के 300 वोट मिले। बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सबसे पहले सुबह 10 बजे वोट डाला। वोटिंग शुरू होने से पहले सभी एनडीए सांसदों ने सुबह 9.30 बजे ब्रेकफास्ट मीटिंग में हिस्सा लिया। ठीक एक दिन पहले खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने बीजेपी सांसदों के साथ बैठक की थी। उपराष्ट्रपति चुनाव को लेकर मंथन किया था। एनडीए के घटक दलों की भी बैठक हुई और जीत को लेकर रणनीति भी बनी। जैसे कयास लगाए जा रहे थे, नतीजा भी वही निकला। एनडीए कैंडीडेट ने उपराष्ट्रति का चुनाव आसानी से जीत लिया।
ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाले बीजू जनता दल (बीजद) ने घोषणा की थी कि उसके सांसद उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे। पार्टी ने कहा था कि यह फैसला राष्ट्रीय स्तर पर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए और कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक, दोनों से बराबर दूरी बनाए रखने के उसके नीति के तहत लिया गया है। बीजेडी के राज्यसभा में सात सांसद निरंजन बिशी, सुलता देव, मुजीबुल्ला खान, सुभाशीष खुंटिया, मानस रंजन मंगराज, सस्मित पात्रा और देबाशीष सामंतराय है। लोकसभा में उनका कोई सांसद नहीं है। शिरोमणि अकाली दल ने भी उपराष्ट्रपति चुनाव से दूरी बनाई थी। उसका कहना था कि उसे राज्य में आई अभूतपूर्व बाढ़ से निपटने के लिए केंद्र और पंजाब में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) से मदद नहीं मिली।
तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भी यूरिया की कमी के कारण राज्य के किसानों की पीड़ा का हवाला देते हुए चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की थी। पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव ने कहा, पिछले 20 दिनों से, बीआरएस राज्य और केंद्र दोनों सरकारों को यूरिया की कमी के बारे में चेतावनी दे रही है। फिर भी उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। विरोध स्वरूप और 71 लाख तेलंगाना किसानों के साथ एकजुटता दिखाते हुए, बीआरएस ने उपराष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। अगर नोटा एक विकल्प होता, तो हम उसे चुनते। राज्यसभा में बीआरएस के चार सांसद दामोदर राव दिवाकोंडा रेड्डी, बी पार्थसारधि रेड्डी, केआर सुरेश रेड्डी और रवि चंद्र वड्डीराजू है, लेकिन लोकसभा में उनका कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।