Waqf Amendment Bill: केंद्र सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी है, जिसे आगामी बजट सत्र के दूसरे चरण में संसद में पेश किया जाएगा। यह महत्वपूर्ण निर्णय गुरुवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया, जिसमें संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट के आधार पर इस विधेयक को अंतिम रूप दिया गया। सूत्रों के अनुसार, यह विधेयक 10 मार्च से शुरू होने वाले बजट सत्र के दूसरे चरण में पेश किया जा सकता है, जो 4 अप्रैल 2025 तक चलेगा। वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और नियमन को मजबूत करने के लिए इस विधेयक में कई अहम बदलाव किए गए हैं। हालांकि, विपक्ष इस बिल का विरोध कर रहा है और इसे वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता पर खतरा बता रहा है।
जेपीसी रिपोर्ट पर विवाद
Waqf Amendment Bill को पहली बार अगस्त 2024 में संसद में पेश किया गया था। लेकिन विपक्षी दलों के विरोध के कारण इसे विस्तृत चर्चा के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया था। इस समिति की अध्यक्षता बीजेपी सांसद जगदंबिका पाल ने की। कई दौर की चर्चाओं के बाद जेपीसी ने 29 जनवरी 2025 को अपनी रिपोर्ट को मंजूरी दी। इस दौरान 15 सांसदों ने रिपोर्ट के पक्ष में और 14 ने विरोध में मतदान किया। रिपोर्ट में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सांसदों द्वारा सुझाए गए संशोधनों को शामिल किया गया, जबकि विपक्षी दलों ने इस पर असहमति जताई।
13 फरवरी 2025 को जेपीसी की रिपोर्ट संसद में पेश की गई। इसके आधार पर विधेयक के नए प्रारूप को तैयार किया गया, जिसे 19 फरवरी को कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई। इसके बाद अब सरकार इसे संसद में प्रस्तुत करने की तैयारी कर रही है।
Waqf Amendment Bill में किए गए अहम बदलाव
संशोधित विधेयक में वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल किए गए हैं। इसमें वक्फ संपत्तियों की निगरानी मजबूत करने, भ्रष्टाचार को रोकने और विवादों को तेजी से सुलझाने के लिए कड़े नियम प्रस्तावित किए गए हैं। हालांकि, विपक्ष ने इन बदलावों पर आपत्ति जताई है और इसे वक्फ बोर्डों की स्वायत्तता पर हमला करार दिया है।
विपक्षी दलों ने ‘वक्फ बाय यूजर’ प्रावधान को हटाने के प्रस्ताव का भी कड़ा विरोध किया है। विपक्ष का कहना है कि यह पारंपरिक अधिकारों पर सीधा हमला है।
विपक्ष का विरोध
राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विधेयक की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि जेपीसी की रिपोर्ट “फर्जी” है और इसे सदन में स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए। विपक्षी सांसदों का आरोप है कि सरकार वक्फ बोर्डों की शक्तियां कम करने और उनके अस्तित्व को खत्म करने की कोशिश कर रही है।
बजट सत्र का दूसरा चरण 10 मार्च से शुरू होने वाला है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि इस विधेयक पर संसद में किस तरह की बहस होती है। सरकार का दावा है कि यह Waqf Amendment Bill संपत्तियों के प्रबंधन को और प्रभावी बनाएगा, जबकि विपक्ष इसे अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर हमला बता रहा है। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक तनाव बढ़ने की संभावना है।