नई दिल्ली ऑनलाइन डेस्क। गुजरात के अहमदाबाद में बड़ा प्लेन हादसा हुआ। एअर इंडिया का विमान टेकऑफ के बाद आग के गोले में तब्दील हो गया। भारत के इतिहास के सबसे बड़े एयर हादसे में 265 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। विमान में ऐसा ब्लास्ट हुआ कि शवों को पहचानना मुश्किल है। इनसब कि बीच प्लेन क्रैश किस वजह से हुआ, इसकी जांच एयरक्राफ्ट एक्सिडेंट इनवेस्टिगेशन ब्यूरो यानी एएबाईबीकर रही है। साथ ही अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड यानी एएबाईबी भी जांच में सहयोग कर रहा है। जांच एजेंसियों ने कड़ी मशक्कत के बाद विमान हादसे के 28 घंटे के भीतर एयर इंडिया फ्लाइट एएल-171 का ब्लैक बॉक्स बरामद कर लिया है। अब ब्लैक बॉक्स के जरिए टीमें हादसे के कारणों का पता लगाएंगी।
अहमदाबाद में प्लेन हादसे का हुआ शिकार
बता दें, अहमदाबाद से लंदन जाने वाला एअर इंडिया का विमान गुरुवार दोपहर 1338 बजे टेकऑफ हुआ था। एअर इंडिया के मुताबिक बोइंग 787-8 मॉडल के इस विमान में 242 यात्री और चालक दल के सदस्य सवार थे। यात्रियों में 169 भारतीय नागरिकों समेत ब्रिटेन, पुर्तगाल और कनाडा के नागरिक शामिल थे। इस भीषण हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी समेत कुल 265 लोगों की मौत हुई है। इनमें 241 लोग विमान में सफर कर रहे थे। बाकी हताहत लोग विमान के क्रैश होते समय मेघाणीनगर में घटनास्थल पर मौजूद थे। देरशाम गृहमंत्री अमित शाह घटनास्थल पर जाकर आलाधिकारियों से बात की। शुक्रवार को पीएम नरेंद्र मोदी भी अहमदाबाद पहुंचे। मौके पर जाकर हादसे की जानकारी अधिकारियों से ली। फिर पीएम नरेंद्र मोदी घायलों से मिले। प्लेन हादसे में जिंदा बचे यात्री से मिलकर बातचीत की।
केंद्रीय मंत्री ने ब्लैक बॉक्स बरामद होने की दी जानकारी
प्लेन हासदे के करीब 28 घंटे के बाद जांच एजेंसियों ने ब्लैक बॉक्स को खोज निकाला। ब्लैक बॉक्स एक इमारत पर मलबे के अंदर दबा था। यह जानकारी नागर विमानन मंत्रालय और विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने साझा की है। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि अहमदाबाद विमान हादसे के 28 घंटे के भीतर विमान का फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (ब्लैक बॉक्स) बरामद कर लिया गया है। यह विमान हादसे की जांच में एक महत्वपूर्ण प्रगति मानी जा रही है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अधीन विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने ब्लैक बॉक्स को घटनास्थल से बरामद किया। ब्लैक बॉक्स में मौजूद तकनीकी जानकारी और उड़ान से जुड़े डेटा की मदद से हादसे के कारणों की गहराई से जांच की जाएगी।
ब्लैक बॉक्स को विशेष तकनीक से बनाया जाता
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो की टीम ने हादसे के तुरंत बाद जांच कार्य शुरू कर दिया था। राज्य सरकार की ओर से 40 से अधिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर जांच दल की सहायता की। इससे रेस्क्यू और साक्ष्य संकलन में काफी तेजी आई। एक एविएशन एक्सपर्ट ने बताया कि ब्लैक बॉक्स को विशेष तकनीक से बनाया जाता है, ताकि वह न तो जल सके और न ही पानी में खराब हो। इसमें कॉकपिट के अंदर की सभी बातचीत रिकॉर्ड होती है। हादसे से पहले पायलट और को-पायलट के बीच क्या संवाद हुआ था, यह जानना जांच के लिए बेहद अहम होता है। ब्लैक बॉक्स में दो मुख्य उपकरण होते हैं। एक का नाम सीवीसी और का नाम एफडीआर होता है। जो विमान के उड़ान के तकनीकी विवरण और अंतिम पलों की बातचीत को रिकॉर्ड करते हैं।
ये प्लेन की सभी गतिविधियों का डेटा रखता है
एफडीआर का मतलब है फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर. ये फ्लाइट से जुड़े डेटा को रिकॉर्ड करता है। इस डेटा में फ्लाइट की ऊंचाई, स्पीड, इंजन की परफॉर्मेंस और कंट्रोल इनपुट आदि शामिल है। ये प्लेन की सभी गतिविधियों का डेटा रखता है, जिससे बाद में जांचकर्ताओं को यह समझने में मदद मिलती है कि विमान कैसे उड़ रहा था और दुर्घटना क्यों हुई होगी। जानकार बताते हैं कि ब्लैक बॉक्स को अलग तरीके से बनाया जाता है। प्रचंड तापमान और आग भी इसे बर्बाद नहीं कर सकती। समुद्र में गिरने के बाद भी बॉक्स करीब 10 वर्ष तक खराब नहीं हो सकता। जानकार बताते हैं कि ब्लैक बॉक्स में पायलट और एडीजी के बीत बातचीत का पूरा डाटा होता है।
दोनों इंजन फेल होने की संभावना
प्लेन हादसे को लेकर टाटा संस के चेयरमैन नटराजन चंद्रशेखरन ने कहा कि कल जो हुआ वह समझ से परे है, हम सदमे और शोक में हैं। हम जानते हैं कि एक व्यक्ति को भी खोना त्रासदी है, लेकिन एक साथ इतनी सारी मौतें होना समझ से परे है। यह टाटा समूह के इतिहास के सबसे काले दिनों में से एक है। अभी शब्दों से सांत्वना नहीं मिल सकती, लेकिन मेरी संवेदनाएं दुर्घटना में मारे गए और घायल हुए लोगों के परिवारों के साथ हैं। उन्होंने लिखा कि आप जानते हैं कि पिछले 24 घंटों में भारत, यूके और यूएस से जांच दल दुर्घटना की जांच करने के लिए अहमदाबाद पहुंच चुके हैं। उन्हें हमारा पूरा सहयोग है। हम हादसे के कारणों को पूरी तरह से पारदर्शी रखेंगे। शुरुआती तौर पर कुछ एक्सपर्ट दोनों इंजन फेल होने की संभावना जता रहे हैं।