Railway accidents 2024 : भारतीय रेल हादसों की क्या है ख़ास वजह,लापरवाही या पुरानी संरचना

2024 में रेलवे के 5 बड़े हादसों ने सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए। कंचनजंगा एक्सप्रेस की टक्कर और चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस का पटरी से उतरना बड़ी घटनाएं रहीं। सरकार ने सुधारों पर जोर दिया, लेकिन इन हादसों ने दिखाया कि सुरक्षा और प्रबंधन को और मजबूत करने की जरूरत है।

major railway accidents in 2024

 Main Cause of Indian Rail Accidents : साल 2024 भारतीय रेलवे के लिए बेहद कठिन रहा। कई बड़े हादसों ने लोगों की जान ले ली और उनके परिवारों को गहरे दर्द में छोड़ दिया। इनमें से 5 बड़े हादसे ऐसे थे, जिनकी कहानियां आज भी रोंगटे खड़े कर देती हैं। आइए जानते हैं इन हादसों के बारे में।

कंचनजंगा एक्सप्रेस और मालगाड़ी की टक्कर

17 जून को पश्चिम बंगाल में एक बड़ा हादसा हुआ। रंगपानी और छतर हाट स्टेशनों के बीच कंचनजंगा एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकरा गई।
इस टक्कर में 10 लोगों की जान चली गई, जिसमें ट्रेन ड्राइवर और मैनेजर भी शामिल थे। करीब 50 लोग घायल हुए। हादसे की वजह खराब सिग्नल सिस्टम और कर्मचारियों की लापरवाही बताई गई।

चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस पटरी से उतरी

18 जुलाई को उत्तर प्रदेश के मोतीगंज और झुलाही स्टेशनों के बीच चंडीगढ़ डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर गए।
इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। ट्रेन के 21 डिब्बों में से 5 एसी कोच बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। राहत के लिए सेना को बुलाना पड़ा।

मुंबई हावड़ा मेल के डिब्बे पटरी से उतरे

जमशेदपुर के पास मुंबई हावड़ा मेल के 18 डिब्बे पटरी से उतर गए।
इस हादसे में 2 लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए। इससे पहले उसी जगह एक मालगाड़ी भी पटरी से उतरी थी। माना गया कि दोनों घटनाओं का आपस में संबंध था।

झारखंड में ट्रेन की चपेट में आए लोग

28 फरवरी को झारखंड के जामताड़ा और विद्यासागर स्टेशनों के बीच ट्रेन ने 12 लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई और बाकी घायल हो गए।
इसके अलावा, 17 अगस्त को कानपुर के गोविंदपुरी स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस के 22 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस घटना में किसी की जान नहीं गई।

मालगाड़ी से टकराई दूसरी ट्रेन

2 जून को पंजाब के सरहिंद रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी को एक दूसरी ट्रेन ने पीछे से टक्कर मार दी।
इस हादसे में 2 लोको पायलट घायल हो गए। जांच में स्टेशन प्रशासन की लापरवाही सामने आई, जिसके बाद दोषियों पर कार्रवाई की गई।

सरकार के प्रयास और हादसों का सबक

रेलवे को सुरक्षित बनाने के लिए सरकार ने पुरानी पटरियां बदलने, नई तकनीक लाने और मानवरहित क्रॉसिंग हटाने जैसे कई काम किए हैं।
इसके बावजूद हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे। ये घटनाएं बताती हैं कि तकनीक सुधारने के साथ ही ट्रेन संचालन और सुरक्षा पर ज्यादा ध्यान देना जरूरी है।

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