Information Update:कोरोना महामारी के दौरान वर्क फ्रॉम होम (WFH) ने दिखा दिया कि ऑफिस से बाहर भी कामकाज बेहतरीन तरीके से हो सकता है। इसे अपनाने वाले कर्मचारियों का कहना है कि यह मॉडल उन्हें समय और लचीलापन दोनों देता है। हालांकि, कुछ कंपनियां इसे लंबे समय तक अपनाने के पक्ष में नहीं हैं। अब सवाल उठता है कि भविष्य का वर्क कल्चर कैसा होगा?
हाइब्रिड मॉडल दोनों का सही मिश्रण
इस बहस के बीच हाइब्रिड वर्क कल्चर ने तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। यह मॉडल दोनों ही पक्षों की जरूरतों का ध्यान रखता है। हाइब्रिड वर्क कल्चर में कर्मचारी कुछ दिन ऑफिस में और कुछ दिन घर से काम करते हैं। इससे न केवल कामकाज में संतुलन आता है, बल्कि कर्मचारियों को उनकी व्यक्तिगत जरूरतों के लिए भी समय मिलता है।बड़ी कंपनियों जैसे इंफोसिस और विप्रो ने हाइब्रिड मॉडल को लागू किया है। इन कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को सप्ताह में कम से कम तीन दिन ऑफिस आने का निर्देश दिया है। यह मॉडल खासकर उन कंपनियों के लिए कारगर है जहां टीमवर्क और सहयोग महत्वपूर्ण है।
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इन-ऑफिस मॉडल की वापसी
दूसरी ओर, कुछ कंपनियां पूरी तरह से इन-ऑफिस वर्क कल्चर पर वापस लौट रही हैं। उनका मानना है कि ऑफिस का माहौल कामकाज में बेहतर टीमवर्क और उत्पादकता को बढ़ावा देता है। इसके अलावा, इन-ऑफिस मॉडल में कर्मचारियों के साथ सीधा संवाद और निगरानी संभव है। हालांकि, इसके लिए कर्मचारियों को समय, यात्रा और अन्य निजी जरूरतों को त्याग करना पड़ता है।
भविष्य का वर्क कल्चर कौन सा मॉडल रहेगा
भविष्य का वर्क कल्चर पूरी तरह से कर्मचारियों और कंपनियों के बीच संतुलन पर निर्भर करेगा। हाइब्रिड मॉडल को अपनाना अधिकतर कंपनियों के लिए सही समाधान हो सकता है। यह न केवल कंपनियों की जरूरतों को पूरा करता है बल्कि कर्मचारियों को भी उनकी पसंद का वर्क मोड चुनने की आजादी देता है लचीलापन चाहने वाले कर्मचारियों के लिए हाइब्रिड वर्क कल्चर भविष्य का सबसे व्यवहारिक विकल्प बनता दिख रहा है।