World bicycle day : सेहत,सुकून और सफ़र का अनोखा मेल जानिए भारत के ख़ास साइकलिंग रूट्स जहां की खूबसूरती आपके दिल को छू लेगी

world bicycle day

World Bicycle Day 2025 : हर साल 3 जून को ‘विश्व साइकिल दिवस’ मनाया जाता है। यह दिन सिर्फ एक सवारी के लिए नहीं, बल्कि सेहतमंद और सुकून भरी ज़िंदगी को बढ़ावा देने का संदेश है। अगर आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें आज भी मौका मिले तो साइकिल उठाकर निकल पड़ें,चाहे वीकेंड हो या वीक डे। तो इस बार क्यों न साइकिल से सफर करें कुछ ऐसे रूट्स पर, जहां प्रकृति आपका स्वागत करती है?

भारत के 5 सबसे सुंदर साइकलिंग रूट्स

चेन्नई से पुडुचेरी ,बीच के नज़ारों के साथ सफर

165 किलोमीटर लंबे इस सफर में आप कोवलम बीच और महाबलीपुरम के मंदिरों के साथ-साथ लाइटहाउस का खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। समुद्र के किनारे चलती ये सवारी 2–3 दिन में पूरी हो सकती है।

कोच्चि से एलेप्पी,केरल की हरी-भरी गलियों में

करीब 53 किलोमीटर लंबा यह रूट नारियल के पेड़ों, बैकवॉटर्स और छोटे-छोटे गांवों के बीच से होकर जाता है। यह अनुभव आपको केरल की असली खूबसूरती के करीब ले जाएगा।

दार्जिलिंग से गंगटोक, पहाड़ियों और चाय बागानों के बीच

दार्जिलिंग से गंगटोक तक का 100 किलोमीटर का सफर आपको पर्वतों, मोनैस्ट्रीज और चाय बागानों से रूबरू कराता है। साइक्लिंग के दीवानों के लिए यह रूट किसी जन्नत से कम नहीं।

पुणे से पंचशेत डैम, शांत नदी के साथ यात्रा

100 किलोमीटर के इस सफर में आप मुथा नदी के हरे-नीले पानी को देख सकते हैं। सिंहगढ़ फोर्ट की चढ़ाई मुश्किल ज़रूर है, लेकिन वहां पहुंचकर जो नज़ारा दिखेगा, वह सारी थकान मिटा देगा।

लेह से खारदूंग ला,रोमांच से भरी दुनिया की सबसे ऊंची सवारी

दुनिया का सबसे ऊंचा और मुश्किल साइकिल रूट। 40 किलोमीटर की यह यात्रा भले ही 2 दिन में पूरी हो, लेकिन इस रास्ते में मिलने वाले बर्फीले नज़ारे, आपकी थकान को भूलने पर मजबूर कर देंगे।

साइकिल चलाना क्यों है फायदेमंद?

सेहत के लिए वरदान : रोज़ 30 मिनट साइकिल चलाने से दिल की सेहत सुधरती है, ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहता है और शरीर में ताकत बढ़ती है।

दिमाग को रखे शांत : यह तनाव और चिंता को दूर करता है और एंडोर्फिन जैसे हार्मोन को एक्टिव करता है, जिससे मूड अच्छा होता है और नींद बेहतर आती है।

वजन घटाने में मददगार : सिर्फ 30 मिनट की साइक्लिंग से 200 से 400 कैलोरी तक बर्न होती हैं, जिससे वजन कम करने में आसानी होती है।

जोड़ों के लिए आरामदायक एक्सरसाइज : गठिया या जोड़ों में दर्द होने पर भी साइकिलिंग एक बेहतर विकल्प है क्योंकि ये लो-इम्पैक्ट एक्सरसाइज है।

प्रकृति को भी फायदा : गाड़ियों की तुलना में साइकिल हवा को प्रदूषित नहीं करती, जिससे पर्यावरण भी साफ रहता है।

लोगों से जुड़ाव बढ़ाता है,ग्रुप साइक्लिंग से नए दोस्त बनते हैं और सामाजिक जुड़ाव भी बढ़ता है

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