World Laughter day 2025 : शेक्सपियर ने एक बार कहा था “हंसी और खुशी के साथ, बढ़ती उम्र की झुर्रियों को भी आने दो।” यानी अगर जिंदगी को खुलकर जीना है, तो चेहरे पर मुस्कान हमेशा बनी रहनी चाहिए, चाहे उम्र कितनी भी हो जाए। वर्ल्ड लाफ्टर डे के मौके पर ये बात और भी जरूरी हो जाती है कि हम हंसी के फायदों को समझें। हंसी सिर्फ एक एक्सप्रेशन नहीं, बल्कि हमारे शरीर और दिमाग के लिए एक दवा जैसी है।
इंसान ही नहीं, जानवर भी हंसते हैं
अक्सर हम सोचते हैं कि हंसी सिर्फ इंसानों तक सीमित है, लेकिन रिसर्च कहती है कि जानवर भी हंसते हैं। UCLA की एक रिसर्च के मुताबिक, 65 से ज्यादा जानवरों की प्रजातियां हंसी जैसी आवाजें निकालती हैं। जैसे कुत्ते, चूहे, बंदर, डॉल्फ़िन, गाय, सील और ऑरंगुटान जब खेलते हैं या खुश होते हैं तो हंसी जैसी ध्वनि करते हैं। ये आवाजें उनके खेलने या सोशल बिहेवियर का हिस्सा होती हैं।
कैसे हंसते हैं जानवर?
हर जानवर की हंसी का तरीका अलग होता है।
चूहे बहुत ही हल्की “चिरपिंग” जैसी आवाज निकालते हैं, जो अल्ट्रासोनिक होती है।
कुत्ते जब खेलते हैं तो उनकी हंसी पैंटिंग जैसी लगती है, जिससे सामने वाला कुत्ता भी खेलने के लिए प्रेरित होता है।
बंदर और डॉल्फ़िन भी मस्ती के वक्त कुछ खास तरह की ध्वनि निकालते हैं जो हंसी का अहसास देती हैं।
हालांकि, बिल्लियां इस लिस्ट में शामिल नहीं हैं। उनका कम्युनिकेशन स्टाइल और सोशल नेचर थोड़ा अलग होता है, इसलिए वो हंसी जैसी कोई स्पष्ट आवाज नहीं निकालतीं।
हंसी के सेहत पर फायदे
हंसी सिर्फ मूड को ठीक नहीं करती, बल्कि शरीर को भी फायदा पहुंचाती है।
हंसने से एंडोर्फिन नाम का केमिकल ब्रेन में रिलीज होता है, जो हमें खुश महसूस कराता है और तनाव को कम करता है।
इससे शरीर में इम्युन सेल्स और एंटीबॉडीज बढ़ती हैं, जिससे हमारी रोगों से लड़ने की ताकत बढ़ती है।
हंसी से दिल का रक्त प्रवाह बेहतर होता है, जिससे हार्ट अटैक या ब्लड प्रेशर जैसी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
ये एक नेचुरल पेनकिलर की तरह भी काम करती है, जिससे दर्द में राहत मिलती है।
क्यों जरूरी है मुस्कराना?
आज की भागदौड़ वाली जिंदगी में हंसना थोड़ा मुश्किल लगता है, लेकिन यही सबसे जरूरी चीज भी है। हंसी न सिर्फ हमारे चेहरे को रोशन करती है, बल्कि हमें अंदर से भी मजबूत बनाती है। इसलिए वर्ल्ड लाफ्टर डे पर एक संकल्प लें कि रोज थोड़ी देर खुलकर हंसे, खुद के लिए।