उत्तर प्रदेश सरकार के आबकारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने ऐलान किया है कि अब प्रदेश में जीपीएस युक्त वाहनों से ही मदिरा का परिवहन किया जाएगा। इसके अलावा, आबकारी लाइसेंस प्राप्त परिसरों की जियो फेंसिंग की जाएगी और बोतलों व पेटियों पर हाई सिक्योरिटी बार कोड और क्यूआर कोड लगाया जाएगा। इससे शराब की तस्करी पर रोक लगेगी और सरकार को राजस्व की हानि नहीं होगी।
डिजिटल तकनीक से होगी निगरानी
मंत्री नितिन अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए तकनीकी सुधार किए जा रहे हैं।
विभागीय गतिविधियों की निगरानी सीसीटीवी कैमरों से होगी, जिससे किसी भी अनियमितता पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
इंटीग्रेटेड कमांड कंट्रोल सेंटर से आबकारी विभाग को जोड़ा जाएगा, जिससे हर गतिविधि पर नज़र रखी जा सकेगी।
मदिरा और स्प्रिट के टैंकरों में डिजिटल लॉकिंग सिस्टम लागू किया जाएगा, जिससे कोई भी अवैध रूप से शराब निकाल न सके।
आधुनिक तकनीकों से होगी सख्ती
आबकारी मंत्री ने बताया कि प्रदेश में शराब उत्पादन और बिक्री को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और संगठित बनाने के लिए कई तकनीकी उपाय किए जा रहे हैं।
मास फ्लो मीटर और रडार बेस्ड लेवल सेंसर लगाए जाएंगे, जिससे उत्पादन की सटीक जानकारी रहेगी।
बॉटलिंग सेंटरों में कड़ी निगरानी रखी जाएगी ताकि कोई अनियमितता न हो।
डिस्टलरीज में डिजिटल अल्कोहल मीटर का उपयोग किया जाएगा, जिससे शराब की गुणवत्ता और मात्रा का सटीक आकलन किया जा सके।
नकली शराब पर लगेगी रोक
आबकारी मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस नई व्यवस्था से अवैध शराब तस्करी, नकली शराब उत्पादन और कर चोरी पर पूरी तरह से रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि सरकार सख्त कदम उठा रही है ताकि प्रदेश में शराब का कारोबार पूरी तरह पारदर्शी, कानूनी और सुरक्षित हो।हाई सिक्योरिटी बार कोड और क्यूआर कोड के जरिए हर बोतल को ट्रैक किया जाएगा, जिससे नकली शराब बेचना असंभव हो जाएगा।
सरकार की सख्त कार्रवाई जारी
प्रदेश में अवैध शराब पर नियंत्रण के लिए पहले भी कई सख्त कदम उठाए गए हैं, लेकिन अब सरकार इसे और प्रभावी बनाने के लिए डिजिटल तकनीक और आधुनिक उपकरणों का उपयोग कर रही है।
अवैध शराब माफियाओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी।
शराब की तस्करी रोकने के लिए सीमावर्ती इलाकों में विशेष चेक पोस्ट बनाए जाएंगे।
यूपी में अब शराब का परिवहन जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम से होगा और बोतलों पर हाई सिक्योरिटी बार कोड और क्यूआर कोड लगेगा। आबकारी विभाग की कार्यप्रणाली को डिजिटल निगरानी और आधुनिक तकनीकों से जोड़ा जाएगा, जिससे कर चोरी और अवैध शराब निर्माण पर पूरी तरह से रोक लगेगी।