NDA Cadet अंतरिक्ष कुमार सिंह की मौत पर गहराया सस्पेंस, परिजनों ने लगाए रैगिंग और प्रताड़ना के आरोप

एनडीए कैडेट अंतरिक्ष कुमार सिंह की मौत पर सस्पेंस गहरा गया है। परिजनों ने इसे आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए रैगिंग और सीनियर कैडेट्स द्वारा प्रताड़ना का गंभीर आरोप लगाया है। परिवार ने निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।

NDA Cadet

NDA Cadet Antriksh Kumar Singh: राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) पुणे के 18 वर्षीय NDA Cadet अंतरिक्ष कुमार सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। उत्तर प्रदेश के बहराइच के मूल निवासी और लखनऊ के तेलीबाग में रहने वाले अंतरिक्ष का शव 10 अक्टूबर को हॉस्टल के कमरे में फंदे से लटका मिला था। परिजनों ने इसे आत्महत्या मानने से इनकार करते हुए सीनियर कैडेट द्वारा प्रताड़ना और रैगिंग को इसकी वजह बताया है। NDA Cadet अंतरिक्ष सिंह के परिजनों ने उसकी मौत को आत्महत्या मानने से स्पष्ट इनकार कर दिया है।

उन्होंने प्रताड़ना और रैगिंग के गंभीर आरोप लगाते हुए आरोप लगाया है कि उनसे सच्चाई छुपाई जा रही है और सीसीटीवी फुटेज भी नहीं दिखाया जा रहा है। परिवार का कहना है कि अंतरिक्ष बेहद होनहार और अनुशासित था और वह आत्महत्या जैसा कदम कभी नहीं उठा सकता था। मृतक के पिता रवि प्रताप सिंह असम के गुवाहाटी में सूबेदार के पद पर तैनात हैं, जिन्होंने सैन्य सम्मान के साथ रविवार को बेटे का अंतिम संस्कार किया। अब पूरा परिवार न्याय के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी पर भरोसा कर रहा है।

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शनिवार सुबह जब NDA Cadet अंतरिक्ष सिंह अपने कमरे से बाहर नहीं निकले, तो अन्य साथी कैडेट्स दरवाजा तोड़कर अंदर घुसे थे, जहां उनका शव फंदे से लटका मिला था। परिजनों को 10 अक्टूबर की सुबह एक अधिकारी ने फोन पर बेटे की मौत की सूचना दी थी। मृतक के पिता और छोटे भाई दोनों ने कमरे की स्थिति और छत की ऊंचाई को लेकर सवाल उठाए हैं, यह कहते हुए कि अंतरिक्ष अकेले फंदा नहीं बांध सकता था और उसे इसका तरीका भी नहीं पता था।

मृतक की मां ने इस बात की पुष्टि की है कि अंतरिक्ष ने पहले ही सीनियर कैडेट्स द्वारा प्रताड़ना की बात उनसे कही थी। उन्होंने बताया कि उसे जबरन पानी पिलाकर उल्टी करवाते थे। मां ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने अधिकारियों से इसकी शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके अतिरिक्त, परिजनों ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने मराठी भाषा में मनमाना बयान लिखवाकर उन पर जबरन हस्ताक्षर करा लिए हैं।

परिजनों का सबसे बड़ा आरोप यह है कि उनसे घटना से जुड़ी कई बातें छिपाई जा रही हैं और उन्हें सीसीटीवी फुटेज की रिकॉर्डिंग भी नहीं दिखाई जा रही है, जो कि सच्चाई सामने लाने में महत्वपूर्ण हो सकती है। अंतरिक्ष के पिता और भाई ने कमरे की जांच के बाद यह संदेह व्यक्त किया है कि यह आत्महत्या नहीं है।

फिलहाल, परिजनों ने रैगिंग और प्रताड़ना की पूरी जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। यह मामला अब एनडीए और सैन्य अकादमियों में रैगिंग और मानसिक प्रताड़ना जैसे संवेदनशील मुद्दों को फिर से सुर्खियों में ला रहा है। पूरा परिवार अब निष्पक्ष जांच और न्याय के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के नतीजों का इंतजार कर रहा है।

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