New Noida Project: योगी सरकार की नई योजना, मुंबई बेंगलुरु को कर देगा फेल, नया नोएडा एक आधुनिक शहर कितने चरणों में बनेगा

50,000 करोड़ रुपये की लागत वाला नया नोएडा प्रोजेक्ट चार चरणों में बनेगा। यह शहर उद्योग, शिक्षा और स्वास्थ्य का बड़ा केंद्र होगा और लाखों लोगों को रोजगार व आधुनिक सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा।

New Noida Project: A Modern City Plan: उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा, दादरी और गाजियाबाद के बाद अब एक बिल्कुल नए और आधुनिक शहर के निर्माण को मंजूरी दी है। यह शहर करीब 20,911 हेक्टेयर भूमि पर बसाया जाएगा। योजना के मुताबिक इसे मुंबई और बेंगलुरु जैसे बड़े महानगरों की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इस परियोजना को चार चरणों में पूरा किया जाएगा ताकि धीरे-धीरे इसकी संरचना मजबूत हो सके और लोगों को रोजगार व आवास दोनों मिल सकें।

पहला चरण जल्द शुरू

पहला चरण ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे और जीटी रोड के पास शुरू किया जाएगा। इसमें जोखाबाद और सांवली जैसे गांव शामिल होंगे। किसानों से जमीन आपसी सहमति और उचित मुआवजे के आधार पर खरीदी जाएगी। इसके लिए अधिकारियों की टीमें गांव-गांव जाकर बैठक करेंगी। पहले चरण में 3,165 हेक्टेयर भूमि ली जाएगी और लगभग 15 गांव योजना के अंतर्गत आएंगे। इस चरण में 8,500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। नोएडा प्राधिकरण ने इसके लिए 1,000 करोड़ रुपये का बजट पहले ही अलग रख लिया है।

उद्योग और निवेश का केंद्र

नया नोएडा केवल आवासीय क्षेत्र नहीं होगा, बल्कि इसे औद्योगिक निवेश का बड़ा हब बनाया जाएगा। लगभग 8,000 हेक्टेयर भूमि उद्योगों के लिए आरक्षित की जाएगी। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों को यहां निवेश का अवसर मिलेगा। उम्मीद है कि इस परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही, यहां 6 लाख लोगों को बसाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें 3.5 लाख लोग बाहर से आकर रहेंगे।

शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएँ

यह नया शहर लोगों को केवल उद्योग और रोजगार ही नहीं देगा, बल्कि आधुनिक जीवन की सभी सुविधाएँ भी उपलब्ध होंगी। यहां अच्छे स्कूल, कॉलेज और अस्पताल विकसित किए जाएंगे। स्वास्थ्य और शिक्षा को प्राथमिकता दी जाएगी ताकि लोग आसानी से यहां बस सकें।

किसानों के लिए राहत

भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया को आसान और पारदर्शी बनाने के लिए गांवों में अस्थायी कार्यालय खोले जाएंगे। किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा और उनकी समस्याओं को मौके पर ही सुना जाएगा। इस तरह सरकार चाहती है कि परियोजना में ग्रामीणों का सहयोग बना रहे।

चार चरणों की समयसीमा

इस परियोजना को 2041 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

पहला चरण : 2027 तक (3,165 हेक्टेयर)

दूसरा चरण : 2032 तक (3,798 हेक्टेयर)

तीसरा चरण : 2037 तक (5,908 हेक्टेयर)

चौथा चरण : 2041 तक (8,230 हेक्टेयर)

हर चरण के साथ नए ढांचे और सुविधाएँ जुड़ेंगी, जिससे यह क्षेत्र आधुनिक भारत का चमकता हुआ केंद्र बनेगा।

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