New Sugarcane Policy Brings Relief to Farmers:नई गन्ना नीति के अनुसार, समिति में शामिल नए किसानों को पहली बार खास राहत दी गई है। अब उन्हें गन्ना आपूर्ति का लाभ उनकी चीनी मिल की औसत आपूर्ति या जिले की उत्पादकता के 70% तक मिलेगा। प्रदेश में हर साल करीब दो लाख नए किसान समिति में जुड़ते हैं और यह बदलाव सीधे तौर पर उनके लिए फायदेमंद साबित होगा।
छोटे और महिला किसानों के लिए विशेष प्रावधान
नीति में छोटे, लघु और महिला किसानों को प्राथमिकता दी गई है।
छोटे किसान (81 क्विंटल सट्टा धारक): उन्हें पेड़ी गन्ने की पर्चियां 1 से 3 पक्ष और पौधा गन्ने की पर्चियां 7 से 9 पक्ष में दी जाएंगी। इस निर्णय से लगभग 13.12 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
अति लघु किसान (36 क्विंटल या 4 पर्ची) और लघु महिला कृषक (81 क्विंटल या 9 पर्ची): इन्हें पेड़ी गन्ने की पर्चियां शुरुआती पक्षों में पूरी तरह मिलेगी। इससे करीब 3.75 लाख अति लघु किसान और 6268 महिला कृषक सीधे लाभान्वित होंगे।
तकनीकी बढ़ावा और यांत्रिक हार्वेस्टिंग
पहली बार नई नीति में यांत्रिक हार्वेस्टिंग को बढ़ावा दिया गया है। जो किसान इस सुविधा का इस्तेमाल करेंगे, उन्हें पारिवारिक कैलेंडर की सुविधा मिलेगी। इससे मजदूरों की कमी की समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। इसके अलावा, 2024-25 में गन्ना आपूर्ति करने वाले किसानों का कोटा उनकी औसत आपूर्ति या उस वर्ष की आपूर्ति (जो अधिक होगी) के आधार पर तय किया जाएगा।
नई किस्म को.15023 को बढ़ावा
गन्ना शोध परिषद द्वारा विकसित नई किस्म को.15023 को अगेती संवर्ग में रखा गया है। इसकी शीघ्र परिपक्वता और उच्च रिकवरी दर को ध्यान में रखते हुए पेड़ी गन्ने की पर्चियां 1 से 2 पक्ष और पौधा गन्ने की पर्चियां 7 से 8 पक्ष में दी जाएंगी। इस फैसले से लगभग 3.66 लाख किसान सीधे लाभान्वित होंगे।
बड़े किसानों और नए सदस्यों को लाभ
नए किसानों की पर्चियां पेड़ी या शरदकालीन पौधे के आधार पर 5वें से 12वें पक्ष में लगाई जाएंगी। इससे लगभग 1 लाख किसान लाभान्वित होंगे। बड़े किसानों (2500 क्विंटल या उससे अधिक सट्टा धारक) को एक कॉलम में अधिकतम 8 पर्चियों का लाभ मिलेगा।
उद्देश्य और लाभ
सरकार का उद्देश्य यह है कि समय पर चीनी मिलों को पर्याप्त गन्ना उपलब्ध हो और किसानों को उनकी फसल का उचित मूल्य आसानी से और समय पर मिल सके। नई गन्ना नीति से छोटे, लघु और महिला किसानों को सीधे लाभ मिलेगा और गन्ना उद्योग में उत्पादन और आपूर्ति में सुधार आएगा।