‘नौ दिन के नवरात्र व्रत से अच्छा है नौ दिन भारतीय संविधान पढ़ें महिलाएं’ नसीहत देने वाला गेस्ट प्रोफेसर University से बर्खास्त

वाराणसी। मां दुर्गा के नवरात्र चल रहे है। मां के भक्तों में जोश और उत्साह है। कोई पहला और आखिरी नवरात्र रखता है, तो कोई एक वक्त भोजन करता है, वहीं बहुत से ऐसे भी है जो पूरे नौ दिनों तक देवी का उपवास करते है। इन्हीं सब के बीच वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के एक गेस्ट प्रोफेसर मिथिलेश गौतम ने सोशल मीडिया पर मां शक्ति की आराधना और पर्व को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट की दी थी। जिसके बाद बवाल शुरू हो गए। गेस्ट प्रोफेसर मिथिलेश गौतम के आपत्तिजनक पोस्ट के बाद छात्रों ने नाराजगी जाहिर की। मामला इतना बढ़ गया कि आक्रोशित छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से कार्रवाई की और इसके विरोध में जोरदार प्रदर्शन किया। जिसके बाद मिथिलेश गौतम विश्वविद्यालय से बर्खास्त कर दिया है।
दरअसल मितिलेश गौतम ने सोशल मीडिया में पोस्ट करते हुए लिखा था कि ‘महिलाओं को नौ दिन के नवरात्र के व्रत रखने से अच्छा है कि नौ दिन भारतीय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ लें, इससे उनका जीवन गुलामी और भय से मुक्त हो जाएगा, जय भीम’। इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर पहले कई यूजर्स ने मिथिलेश गौतम को इसका जवाब दिया। लेकिन इसके बाद छात्रों ने बुधवार को सड़कों पर उतर कर इसका जोरदार विरोध किया। गेस्ट प्रोफेसर मिथिलेश गौतम के पॉलिटिकल साइंस डिपार्टमेंट से हैं।

जानकारी के अनुसार मिथिलेश गौतम ने फेसबुक पर अरुण प्रताप यादव नाम के व्यक्ति की आपत्तिजनक पोस्ट को शेयर किया था। इस पोस्ट में मां दुर्गा के साथ ही महिषासुर को लेकर कई आपत्तिजनक बातें लिखी हुई हैं। आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करने के साथ ही मिथिलेश गौतम ने नवरात्र में व्रत रखने वाली महिलाओं को भी नसीहत दी। हालांकि पोस्ट के बाद हुए हंगामे को देखते हुए मिथिलेश गौतम विश्वविद्यालय से बर्खास्त कर दिया है।

ये भी पढ़े-Navratri 2022: मां स्कंदमाता को समर्पित है नवरात्रि का पांचवा दिन, ऐसे पूजा करने से होगी यश और धन की प्राप्ति

Exit mobile version