Noida News : 2025 की दूसरी तिमाही में भारत का किराए का आवासीय बाज़ार तेज़ी से उभरा है, और इसमें ग्रेटर नोएडा ने सभी शहरों को पीछे छोड़ते हुए सबसे बेहतर प्रदर्शन किया है। मैजिकब्रिक्स की Q2 2025 रेंटल इंडेक्स रिपोर्ट के मुताबिक, ग्रेटर नोएडा में किराए की मांग में तिमाही आधार पर 20.7% की वृद्धि दर्ज की गई, जो देश के अन्य किसी भी शहरी क्षेत्र से अधिक है। दिल्ली दूसरे स्थान पर रही, जहां किराए की मांग में 17.2% का इजाफा हुआ, जो इस ओर इशारा करता है कि लोग अब घर खरीदने की बजाय किराए पर रहने के विकल्प को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं — खासकर मेट्रो शहरों में।
नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रेंटल मार्केट ने उल्लेखनीय गति पकड़ी है। ग्रेटर नोएडा में किराए पर उपलब्ध मकानों की संख्या (रेंटल लिस्टिंग्स) में 12.6% की तिमाही वृद्धि देखी गई, वहीं नोएडा में यह वर्ष दर वर्ष 22.3% बढ़ी है। यह ट्रेंड डेवलपर्स की बढ़ती गतिविधियों और क्षेत्र में निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को दर्शाता है। इसका यह भी मतलब है कि अब इन इलाकों में ज्यादा मकान मालिक सक्रिय हो रहे हैं और रियल एस्टेट निवेश को लेकर माहौल सकारात्मक बना है।
राष्ट्रीय स्तर पर भी किराए की कीमतों में तेजी आई है। पिछले तीन महीनों में औसतन 4.8% और एक साल में लगभग 29.6% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसका कारण संपत्तियों की लगातार बढ़ती कीमतें, रोजगार क्षेत्र में सुधार और काम करने के लचीले विकल्पों की बढ़ती लोकप्रियता को माना जा रहा है। युवा बेरोजगारी दर में भी गिरावट आई है — जो 2018 में 17.8% थी, वह अब 2024 में घटकर 10.2% हो गई है। इन सारे कारकों ने मिलकर किराए के घरों की मांग को मजबूत किया है।
क्यों बढ़ रही है किराए की मांग?
मैजिकब्रिक्स के सीईओ सुधीर पई के अनुसार, “यह केवल बाजार की चाल नहीं है, बल्कि भारत में एक सांस्कृतिक बदलाव भी देखा जा रहा है। खासकर युवा पेशेवर अब स्थायित्व की बजाय लचीलापन, किफायती दर और जीवनशैली की गुणवत्ता को प्राथमिकता दे रहे हैं।” दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में यह बदलाव स्पष्ट दिखाई देता है। यहां लोग अब छोटे और किफायती घरों की ओर झुकाव दिखा रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, नोएडा में 1 BHK फ्लैट्स की मांग में 18% की बढ़ोतरी देखी गई है, जबकि बड़े 3 BHK घरों की मांग में दिल्ली में 24% और नोएडा में 21% की गिरावट आई है। यह अकेले रहने वालों, युवा कपल्स और छोटे परिवारों की प्राथमिकताओं को दर्शाता है।
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पूरे देश में 2 BHK मकान सबसे ज़्यादा पसंद किए जा रहे हैं, जो कुल मांग का लगभग 46% हिस्सा बनाते हैं। 500 से 1,500 वर्ग फीट वाले मध्यम आकार के घरों की तरफ भी लोगों का रुझान बढ़ा है — इस कैटेगरी ने 76% मांग को आकर्षित किया है, जो यह बताता है कि लोग ऐसे घर चाहते हैं जिन्हें आसानी से मेंटेन किया जा सके। बजट के लिहाज से ₹10,000 से ₹20,000 मासिक किराया सबसे अधिक लोकप्रिय है, जो कुल मांग का 36% बनाता है।
नोएडा के फ्लैट्स बजट फ्रेंडली
सेमी-फर्निश्ड फ्लैट्स की मांग और आपूर्ति दोनों ही सबसे अधिक हैं — क्रमशः 52% और 53%, जो यह संकेत देते हैं कि किराएदार ऐसे घरों को प्राथमिकता दे रहे हैं जो तुरंत रहने के लिए तैयार हों और जिसमें मालिकाना खर्चों की झंझट न हो। हालांकि अहमदाबाद, नवी मुंबई और हैदराबाद जैसे शहरों ने 4.1% की उच्चतम रेंटल यील्ड दिखाई है, लेकिन ग्रेटर नोएडा और नोएडा अपनी तेज़ी से बढ़ती डिमांड और बजट फ्रेंडली विकल्पों के चलते तेजी से उभरते केंद्र बनते जा रहे हैं। मैजिकब्रिक्स का मानना है कि जैसे-जैसे इन क्षेत्रों में आवासीय आपूर्ति बढ़ेगी, किराए की दरों में स्थिरता आ सकती है। हालांकि शहरीकरण, कामकाजी जीवनशैली में बदलाव और लचीलापन पसंद करने वाली युवा पीढ़ी जैसे कारक आने वाले समय में भी रेंटल हाउसिंग मार्केट की मांग को मजबूत बनाए रखेंगे।