Noida News: नोएडा में बिल्डरों की बकाया देनदारियों के कारण सरकार को 1311 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान हो रहा है। स्टाम्प विभाग की जानकारी के अनुसार, बिल्डरों द्वारा रजिस्ट्रेशन न कराए जाने से यह बड़ी रकम फंसी हुई है। पूरे जिले में लगभग 20,214 रजिस्ट्रियां अधर में लटकी हुई हैं, जिससे हजारों फ्लैट खरीदारों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
10,000 फ्लैट बायर्स की रुकी रजिस्ट्रियां
स्थिति की (Noida) जड़ यह है कि कई बिल्डरों ने नोएडा प्राधिकरण के बकाए का भुगतान नहीं किया है, जिसके कारण उन्हें अपने प्रोजेक्ट्स के लिए ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (OC) और कंपलीशन सर्टिफिकेट (CC) नहीं मिल पा रहे हैं। इसके चलते फ्लैट खरीदारों को उनका मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा, क्योंकि बिना इन प्रमाणपत्रों के रजिस्ट्रियों की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकती।
इसका सीधा असर 10,000 से अधिक फ्लैट खरीदारों पर पड़ा है, जो अपने फ्लैट्स में रह तो रहे हैं, लेकिन कानूनी रूप से उनके नाम पर रजिस्ट्रियां नहीं हो पा रही हैं। इसके कारण खरीदारों को उनके फ्लैट्स पर पूर्ण मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा है, जिससे उन्हें भविष्य में संपत्ति को लेकर कानूनी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
सरकार को 1311 करोड़ का घाटा
नोएडा प्राधिकरण का भी बिल्डरों पर करीब 10,000 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसके चलते OC और CC जारी नहीं हो पा रहे हैं। इसके अलावा, स्टाम्प विभाग का राजस्व टारगेट भी अधर में लटका हुआ है, क्योंकि बड़ी संख्या में रजिस्ट्रियां रुकी हुई हैं।
बिल्डरों की देनदारियों के कारण उत्पन्न यह समस्या फ्लैट खरीदारों के साथ-साथ सरकारी विभागों के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। सरकार को राजस्व नुकसान के साथ-साथ प्राधिकरण और फ्लैट बायर्स की स्थिति भी इस मुद्दे के समाधान की मांग कर रही है।