Chicken Biryani : नोएडा की एक महिला द्वारा नवरात्रि के पावन अवसर पर मांसाहारी भोजन डिलीवर किए जाने का दावा किए जाने के बाद सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है। महिला का कहना है कि उन्होंने एक रेस्तरां से शाकाहारी बिरयानी मंगवाई थी, लेकिन जब खाना चखा तो उसमें मांस पाया गया। यह मामला 7 अप्रैल को सामने आया, जब महिला द्वारा रिकॉर्ड किया गया एक वीडियो इंटरनेट पर वायरल हुआ।
चिकन बिरयानी मिलने से भड़की लड़की
छाया शर्मा नाम की महिला ने वीडियो में बताया कि उन्होंने स्विगी ऐप से “शुद्ध शाकाहारी” टैग वाले एक रेस्तरां से ऑर्डर किया था। उन्हें लगा कि वे नवरात्रि में सुरक्षित और आस्था के अनुरूप भोजन कर रही हैं, लेकिन कुछ निवाले खाने के बाद उन्हें महसूस हुआ कि वे मांस खा रही हैं। यह एहसास उन्हें झकझोर गया और उन्होंने तुरंत सोशल मीडिया पर अपनी आपबीती साझा की।
इस घटना ने न केवल खाद्य सुरक्षा से जुड़े मानकों पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि धार्मिक भावनाओं को भी आहत किया है। नवरात्रि के दौरान जब लाखों श्रद्धालु शुद्ध शाकाहार का पालन करते हैं, ऐसे में इस प्रकार की लापरवाही को गंभीर माना जा रहा है।
सोशल मीडिया पर आ रहे रिएक्शन
घटना के बाद इंटरनेट यूज़र्स की प्रतिक्रियाएं विभाजित नजर आईं। कुछ लोगों ने रेस्तरां और डिलीवरी ऐप के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है, तो कुछ ने खुद उपभोक्ता पर सवाल उठाते हुए पूछा कि नवरात्रि के दौरान बाहर से खाना ऑर्डर करना कितना उचित है।
कंपनी की सेवा में जिम्मेदारी पर उठे सवाल
यह मामला एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करता है कि फूड डिलीवरी सेवाओं को केवल समय पर ऑर्डर पहुँचाने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि ऑर्डर की शुद्धता, धार्मिक संवेदनशीलता और उपभोक्ता की भावनाओं का भी ध्यान रखना चाहिए।
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जैसे-जैसे यह वीडियो और मामला चर्चा में बना हुआ है, यह जरूरी हो गया है कि फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म्स और रेस्तरां अपने सिस्टम में सुधार करें, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं दोहराई न जाएं। उपभोक्ता का विश्वास बनाए रखना और विविध सांस्कृतिक भावनाओं का सम्मान करना हर सेवा प्रदाता की नैतिक जिम्मेदारी बनती है।