Nomophobia: क्या है Nomophobia, इतने लोग है फोन खोने के डर से परेशान, क्या आपको भी सता रहा है ये डर?

स्मार्टफोन ने लोगों की जिंदगी में अहम हिस्सा लिया है। जिसके कारण लोगों को अधिक मोबाइल की लत लग चुकी है।कई ऐसे लोग है जो मोबाइल से एक मिनट की दूरी पसंद नहीं करते एक रिपोर्ट में भी इस बात को साफ किया गया है

क्या आपने सुना है ‘NoMoPhobia’ का जिक्र 

स्मार्टफोन ने लोगों की जिंदगी में अहम हिस्सा लिया है। जिसके कारण लोगों को अधिक मोबाइल की लत लग चुकी है। कई ऐसे लोग है जो मोबाइल से एक मिनट की दूरी पसंद नहीं करते एक रिपोर्ट में भी इस बात को साफ किया गया है कि आझ के टाइम में लोगों को मोबाइल फोन्स की काफी लत लग चुकी है। जानकारी के अनुसार इस सर्वे को Oppo कंपनी ने किया है। इसे कंपनी ने ‘NoMoPhobia’ नाम दिया है। आइए विस्तार से जानते है कि क्या है ‘NoMoPhobia’

 

‘NoMoPhobia’ क्या है?

सर्वे के मुताबिक इस बात को साफ किया गया है कि 65 फीसदी यूजर्स अपने स्मार्टफोन से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं। आपने अकसर देखा होगा कि लोगों को अपने फोन से दूर जाने का डर लगता है। इसमें इंटरनेट ख्तम होने का डर से लेकर के फोन खो ना जाए और बैटरी खत्म ना हो जाए। इसी बात का डर सताता है। ‘NoMoPhobia’ इस नाम के अंत में फोबिया (Phobia) शब्द का जिक्र किया गया है। जिस से ये साफ होता है कि ये एक तरह का (Phobia)

 

बता दें की ओप्पो और Counterpoint ने इस सर्वे की शुरूआत की थी। जिसमें 1,500 लोगों ने सर्वे का जवाब दिया था। वहीं इसी सर्वे के दौरान 60 प्रतिशत लोगों ने बैटरी खराब होने के कारण स्मार्टफोन रिप्लेस करने में सहमती भरी है। इसी सर्वे में पता लगा कि पुरुष मोबाइल को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। इस बात को अब तक 82 प्रतिशत पुरूषों ने माना है कि उन्हें फोन को लेकर के अधिक टेंशन होती है। और इसी सर्वे में पता लगा कि 87 प्रतिशत लोग फोन को तब इस्तेमाल करना पसंद करते है जब उनका फोन पूरा चार्ज हो जाता है।

 

 

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